डी.ए.वी. कॉलेज में ‘बिजविजन 2025’ पोस्टर प्रदर्शनी के साथ नवाचार को बढ़ावा

जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर के छात्र सलाहकार एवं कल्याण परिषद् (एसएडब्ल्यूसी) द्वारा नवाचार परिषद् (आईआईसी) के सहयोग से बहुप्रतीक्षित “बिजविजन 2025: नवाचार, प्रभाव और प्रेरणा” पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। रजिस्ट्रार एवं वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कपूर इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि थे। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, डीन एसएडब्ल्यूसी प्रो. मनीष खन्ना और आईआईसी कन्वेयर डॉ. राजीव पुरी ने फूलों का गुलदस्ता देकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रो. कपूर ने औपचारिक रूप से रिबन काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो छात्र नवाचार के लिए एक जीवंत मंच के उद्घाटन का प्रतीक है। अपने संबोधन में, उन्होंने छात्रों को पारंपरिक सीमाओं से परे जाने और दृष्टि और रचनात्मकता के साथ आधुनिक व्यावसायिक चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों को सार्थक, वास्तविक दुनिया के विचारों को प्रस्तुत करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करने के लिए पहल की सराहना की।

उद्घाटन समारोह में डॉ. कुंवर राजीव (वरिष्ठ उप प्राचार्य), प्रो. सोनिका दानिया (उप प्राचार्य) और डॉ. नवीन सूद (एलएसी सदस्य), आईआईसी संयोजक डॉ. राजीव पुरी, प्रो. शरद मनोचा, प्रो. विशाल शर्मा, डॉ. साहिब सिंह भी उपस्थित थे, जिन्होंने छात्रों के प्रयासों और खोजे गए विषयों की प्रासंगिकता की प्रशंसा की।प्रदर्शनी तीन विचारोत्तेजक विषयों पर केंद्रित थी- स्टार्टअप: नवाचार और विकास के उत्प्रेरक, जीएसटी: व्यवसाय परिदृश्य को बदलना, और व्यवसाय मॉडल: गतिशील दुनिया में सफलता की पुनर्कल्पना। इन विषयों ने छात्रों को समकालीन आर्थिक मुद्दों का गंभीरता से विश्लेषण करने और दूरदर्शी समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया।प्रदर्शनी में 250 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभागिता की तथा 110 से अधिक सोच-समझकर बनाए गए चार्ट प्रस्तुत किए। इन प्रदर्शनियों में विचारों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई ।विभिन्न क्षेत्रों पर जीएसटी के परिवर्तनकारी प्रभाव का विश्लेषण करने से लेकर भविष्य के स्टार्टअप मॉडल की कल्पना करने तथा आधुनिक उद्यमशीलता के दृष्टिकोण से पारंपरिक व्यावसायिक ढाँचों की पुनःकल्पना करने तक। प्रत्येक प्रविष्टि में छात्रों की रचनात्मकता, विश्लेषणात्मक सोच तथा वर्तमान व्यावसायिक रुझानों के बारे में जागरूकता झलकती थी।प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल ने इस आयोजन में अपनी विशेषज्ञता प्रदान की, जिससे प्रतिभागियों के कार्य का निष्पक्ष तथा व्यावहारिक मूल्यांकन सुनिश्चित हुआ। मूल्यांकन रचनात्मकता, मौलिकता, विषयगत प्रासंगिकता तथा समग्र प्रभाव जैसे सुपरिभाषित मापदंडों पर आधारित था।डी.ए.वी. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने इस पहल की सराहना की तथा छात्रों की कल्पनाशील अवधारणाओं तथा स्पष्ट प्रस्तुतियों की प्रशंसा की। उन्होंने नवाचार, बौद्धिक जुड़ाव तथा सहयोगात्मक भावना को बढ़ावा देने वाले मंच को तैयार करने में एसएडब्ल्यूसी तथा आईआईसी के प्रयासों की सराहना की। प्रो. मनीष खन्ना, डीन, छात्र कल्याण, ने कहा, “बिज़विज़न 2025 केवल एक प्रदर्शनी नहीं थी – यह बुद्धि, नवाचार और उद्यमशीलता की भावना का एक जीवंत प्रकटीकरण था। प्रत्येक चार्ट हमारे छात्रों के विचार, जुनून और मौलिकता की गहराई को दर्शाता है। उनका उत्साह वास्तव में प्रेरणादायक था, और उन सभी का हार्दिक आभार जिनके योगदान ने इस विज़न को एक उत्कृष्ट सफलता में बदल दिया।यह कार्यक्रम वास्तव में नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता की भावना को दर्शाता है जिसे डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर गर्व से बनाए रखता है।

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