एपीजे एजुकेशन,एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर की स्वर्ण जयंती एवं छठा राजेश्वरीकला-महोत्सव चलेगा 2 अप्रैल से 5 अप्रैल तक

जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे एजुकेशन एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर की स्वर्ण जयंती एवं छठे राजेश्वरी कला महोत्सव का आगाज़ 2 अप्रैल को होगा और यह कला-महोत्सव कला के विभिन्न रंगों को अपने में सहेजें हुए 5 अप्रैल तक चलेगा। एपीजे एजुकेशन जालंधर की निदेशक डॉ सुचरिता शर्मा एवं एपीजे कॉलेज आफ फाइन आर्ट्स जालंधर की प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस महान उत्सव के प्रमुख आकर्षणों को सांझा किया।उन्होंने बताया कि हमारे लिए परम सौभाग्य का
विषय है कि पंजाब के माननीय गवर्नर श्री गुलाबचंद कटारिया जी एवं एपीजे एजुकेशन, एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष तथा एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया जी स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन अपने करकमलों से करेंगे। उन्होंने कहा कि ललित कलाओं एवं परफॉर्मिंग कलाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन को लेकर राजेश्वरी कला संगम के रूप में जिस बीज को अंकुरित किया गया था आज एपीजे कॉलेज आफ फाइन आर्ट्स के रूप में वह पुष्पित एवं पल्लवित हो रहा है और जो सोच इस संस्था के निर्माण की नींव बनी थी 50 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में वह सोच कहीं भी छूटी नहीं है। डॉ सुचरिता शर्मा ने बताया कि छठे राजेश्वरी कला- महोत्सव,राजेश्वरी कला संगम और एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स फाइन आर्ट्स की स्वर्ण जयंती में हम अपने संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी के ललित कलाओं की धरोहर को सहेजने के स्वप्न को लुप्त प्राय:होती जा रही कलाओं वरली आर्ट,गोंड आर्ट, मिनिएचर पेंटिंग,मधुबनी पेंटिंग, खरड़ वीविंग, पिपली , पॉटरी,टेराकोटा,स्कल्पचर्स, ब्लॉक प्रिंटिंग,वुड कार्विंग एवं वुड इनले आदि को फिर से जीवंत करने एवं युवाओं तक इसे पहुंचाने का प्रयास करते हुए उसे साकार करने का प्रयास कर रहे हैं,उन्होंने बताया कि भारतभर से विभिन्न प्रदेशों जैसे उड़ीसा,पश्चिम बंगाल,दिल्ली एवं हिमाचल से पद्मश्री जैसे सम्मान से सम्मानित कलाकार इस स्वर्ण जयंती का हिस्सा बनने जा रहे हैं,डॉ शर्मा ने कहा कि सुषमा पॉल बर्लिया इस बात पर दृढ़ता से यकीन रखती हैं कि यदि हम अपने युवाओं को अपनी कला,धरोहर एवं संस्कृति से जोड़े रखेंगे तो वे अपनी परंपरा को सहेजे हुए देश के विकास में भी अपना योगदान दे सकेंगे।उन्होंने बताया कि एपीजे कॉलेज की स्वर्णिम यात्रा के सफर में यहां आए श्रेष्ठ कलाकारों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है,अंतरराज्यीय क्राफ्ट मेले का भी आयोजन भी किया जा रहा है तथा लुप्त होती जा रही कलाओं से युवाओं को जोड़ने के लिए पांच दिवसीय वर्कशाप का आयोजन भी किया जा रहा है। स्वर्ण-जयंती समारोह की भव्यता को चार-चांद लगाने के लिए पद्म सम्मान से सम्मानित लोकगायिका मालती अवस्थी जी भी अपने गायन से इस खुशमय माहौल में रंग भरने आ रही हैं।

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