पंजाब ललित कला अकादमी,एपीजे एजुकेशन एवं डॉ सत्यपाॅल आर्ट गैलरी विरसा विहार के सौजन्य से लगाई गई तीन दिवसीय कला-प्रदर्शनी

जालंधर (अरोड़ा) :- पंजाब ललित कला अकादमी चंडीगढ़, एपीजे एजुकेशन एवं डॉ सत्यपाल आर्ट गैलरी विरसा विहार के संयुक्त सौजन्य से ‘चिंतन:अंतर यात्रा’ विषय पर एपीजे एजुकेशन की स्वर्ण जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय कला-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कला-प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रूप में जालंधर डिवीजन के कमिश्नर अरुण सेखरी (IAS) उपस्थित हुए। एपीजे एजुकेशन जालंधर एवं डॉ सत्यपाॅल आर्ट गैलरी की डायरेक्टर डॉ सुचरिता ने मुख्य अतिथि सेखरी का अभिनंदन करते हुए कहा कि आप जैसा कला- पारखी, ऊर्जावान एवं नेतृत्व के गुणों से भरपूर व्यक्तित्व का इस कला प्रदर्शनी के आगाज में आना निश्चित रूप से हम सबके लिए प्रेरणादायी है।

उन्होंने इस अवसर पर पंजाब कला परिषद चंडीगढ़ के अध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह सावी, पंजाब ललित कला अकादमी के अध्यक्ष गुरदीप धीमान,पंजाब ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष सुमित दुआ,एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स की प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा,पंजाब ललित कला अकादमी के एग्जीक्यूटिव मेंबर बासुदेव बिश्वास, बिरसा विहार जालंधर के उपाध्यक्ष संगत राम,बिरसा विहार जालंधर के सचिव गुरमीत सिंह तथा पंजाब ललित कला अकादमी के सचिव जसपाल कामना का भी हार्दिक अभिनंदन किया। गणमान्य अतिथिगण का अभिनंदन करते हुए डॉ सुचरिता शर्मा ने कहा कि एपीजे एजुकेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल ने ललित कलाओं को जनमानस तक पहुंचाने के जिस स्वप्न को लेकर एपीजे एजुकेशन की स्थापना की थी आज एपीजे एजुकेशन, एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष तथा एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर सुषमा पॉल बर्लिया के मार्गदर्शन में एपीजे परिवार बड़ी तन्मयता से उनके इस स्वप्न को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्प है।

‘चिंतन:अंतर यात्रा’कला प्रदर्शनी में पेंटिंग्स, स्कल्पचर्स, फोटोग्राफी, ड्राइंग एवं डिजिटल आर्ट की प्रदर्शनी लगाई गई। पंजाब के श्रेष्ठ 22 कलाकारों अनिल गुप्ता, मैडम अनुराधा ठाकुर, डॉ रिम्पी अग्रवाल, शैलेंद्र, डॉ गगन गंभीर, गुरंजनपाल, गुरदीश पन्नू, स हरिंदर सिंह भट्टी, डॉ जीवन कुमारी, कर्मवीर संधू, मैडम कविता हस्तीर, डॉ महेंद्र मस्ताना, मनोज कुमार, स परमवीर सिंह, पवन कुमार, रोहित कुमार, मैडम सोनाली, सुशील कुमार, स सुखविंदर सिंह, सुनील कपूर, मैडम सुरुचि एवं विक्रम सिंह की 44 कलाकृतियों में जहां एक तरफ कलाकारों ने अपने अंतर्मन की कल्पना से प्राकृतिक सुंदरता की छटा को बाखूबी उकेरा, मानवीय आकृतियों को खूबसूरती से उभारा वहां दूसरी तरफ अमूर्त भावों की छवि भी देखने लायक थी। कला प्रदर्शनी के इस पावन अवसर पर इंटर कॉलेज पेंटिंग्स प्रतियोगिताएं भी करवाई गई जिसमें निर्णायक की भूमिका गुरंजन पाल एवं राजेश कलसी ने निभाई। प्रथम पुरस्कार एचएमवी की जसनीत धनंजन को 3100, द्वितीय पुरस्कार एपीजे कॉलेज की जसकीरत को द्वितीय 2100, एपीजे कॉलेज के साहिल को तृतीय ₹1500, एवं सांत्वना पुरस्कार डीएवी यूनिवर्सिटी की जसमीत कौर, एचएमवी की चाहत, डीएवी यूनिवर्सिटी के सुमित भारद्वाज, एचएमवी की रीवा शर्मा, लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन की नंदिनी को ₹1000 का नगद राशि पुरस्कार दिया गया।

इस अवसर पर अरुण सेखरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कलाकार ब्रह्मा की तरह अपनी अद्भुत कल्पना से कलाओं के निर्माण में अपना योगदान देता है, उन्होंने कहा कि जैसे प्रकृति प्रतिपल विकसित होती रहती है ऐसे ही आप भी निरंतर विकास पथ पर अग्रसर रहे। पंजाब ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष सुमित दुआ ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें कला के विकास में योगदान देने के साथ-साथ अपनी मातृभाषा पंजाबी के उत्थान में भी योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप पंजाब ललित कला अकादमी का यह प्रयास रहेगा की कला प्रदर्शनी केवल चंडीगढ़ या बड़े-बड़े शहरों तक की सीमित न रहकर गांव में भी लगाई जाएगी ताकि उभरते कलाकारों को प्रोत्साहन मिल सके इस कला प्रदर्शनी में अपनी कलाकृतियों द्वारा सहयोग देने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया गया। इस कला प्रदर्शनी की सफलता के लिए डॉ सुचरिता शर्मा ने पंजाब ललित कला अकादमी के सहयोग एवं इस कला प्रदर्शनी में अपना सहयोग देने के लिए सभी कलाकारों की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा कहा कि वे भविष्य में भी डॉ सत्यपाॅल आर्ट गैलरी में कला-प्रदर्शनियों का आयोजन करते रहे।

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