Saturday , 22 February 2025

भारत ने दूरसंचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रमुख क्षेत्रों में ब्रिटेन के साथ सहयोग बढ़ाया

सी-डॉट और सोनिक लैब्स ने ओपन आरएएन नवप्रवर्तन बढ़ाने के लिए साझेदारी की
दूरसंचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर गोलमेज सम्मेलन: दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने दूरसंचार क्षेत्र में भारत के नेतृत्व और अगली पीढ़ी की नेटवर्क प्रौद्योगिकियों की तेज प्रगति का उल्लेख किया

दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने ब्रिटेन के विज्ञान, नवप्रवर्तन और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसआईटी) साथ बातचीत और अगली पीढ़ी के दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए ब्रिटेन का दौरा किया। इससे इन अहम क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन संबंधों में और मजबूती आएगी।
दूरसंचार सचिव ने ब्रिटेन के वैज्ञानिक सलाहकार श्री क्रिस जॉनसन और डीएसआईटी के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सलाहकार श्री डेव स्मिथ से मुलाकात की। बैठक में उभरती प्रौद्योगिकियों और 5जी, 6जी तथा डिजिटल ढांचे की सुरक्षा में उनके इस्तेमाल पर बातचीत हुई। डॉ. मित्तल ने स्कॉटलैंड सरकार डिजिटल निदेशालय के निदेशक ज्योफ हगिन्स के साथ भी मुलाकात की और दूरसंचार, दूरसंचार सुरक्षा तथा उभरती दूरसंचार प्रौद्योगिकियों द्वारा डिजिटल परिवर्तन में सहयोगात्मक प्रयासों पर विचार-विमर्श किया।


दूरसंचार सचिव ने ब्रिटेन के छह संघीय दूरसंचार केंद्रों (एफटीएच) में से एक का दौरा किया, जिसकी क्लाउड और वितरित कंप्यूटिंग में विशेषज्ञता है और केंद्र में 6जी वितरित क्लाउड, 6जी के लिए एआई, ग्रीन 6जी और उन्नत सेंसिंग तकनीकों पर अत्याधुनिक अनुसंधान होता है। इसके अलावा, दूर संचार सचिव ने डिजिटल ट्विन्स में संभावित सहयोग, दूरसंचार सुरक्षा के लिए एआई, इथिकल एआई और एआई नवप्रवर्तन और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने पर चर्चा के लिए एलन ट्यूरिंग इंस्टीट्यूट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री जीन इनेस से भी मुलाकात की।


दूरसंचार सचिव ने स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय में स्कॉटलैंड के 5जी केंद्र और ग्लासगो विश्वविद्यालय के जेम्स वाट स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में 6जी अनुसंधान केंद्र का दौरा किया और 6जी नवाचार, भविष्य की संवेदन प्रौद्योगिकियों, 5जी स्टैक जैसी प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान तथा शैक्षणिक और औद्योगिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए छात्रों के एक-दूसरे के देशों में जाने में सहयोग पर चर्चा की।


ब्रिटेन-भारत दूरसंचार गोलमेज सम्मेलन और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीएसआई) के मजबूत आधार पर स्थित दूरसंचार प्राथमिकता का क्षेत्र बना हुआ है। इसी कड़ी में डीएसआईटी, बीटी और एरिक्सन जैसी प्रमुख व्यावसायिक संस्थाओं और एसओएनआईसी लैब्स, यूके टेलीकॉम लैब्स, टाइटन, जॉईनर नवाचार केंद्रों सहित ब्रिटेन के प्रमुख हितधारकों के साथ एक गोलमेज चर्चा आयोजित की गई। इसमें ब्रिटेन की अंतरिक्ष एजेंसी, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, इनोवेट यूके और ब्रिटेन टेक्नोलॉजी इनोवेशन नेटवर्क के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और आपसी सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। भारतीय उच्चायोग ने यूके टेलीकॉम इनोवेशन नेटवर्क (यूकेटीआईएन) के सहयोग से यह गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया। डॉ. नीरज मित्तल ने दूरसंचार क्षेत्र में भारत के नेतृत्व पहल और अगली पीढ़ी की नेटवर्क तकनीकों में तीव्र प्रगति का उल्लेख किया।


गोलमेज सम्मेलन के उपरांत, सोनिक लैब्स और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सीडीओटी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता मोबाइल नेटवर्क संरचना- ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क से संबंधित नीति और तकनीक पर केंद्रित है, जिसमें 5जी ओपन आरएएन और 4जी/5जी तकनीक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल है।
ब्रिटेन के दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र पर विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श में सहयोग के निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है:
• दूरसंचार साइबर सुरक्षा, दूरसंचार में एआई और डिजिटल ट्विन्स पर केंद्रित संयुक्त उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
• बुनियादी अवसंरचना में मोबाइल फोन डेटा का लाभ उठाने के लिए ब्रिटिश दूरसंचार कंपनियों के साथ सहयोगात्मक पहल तथा मेट्रो मार्ग योजना के लिए ऐसे डेटा के उपयोग में भारत की सफलता को विस्तारित करना
• वैश्विक स्तर पर दूरसंचार के 6जी मानकों (आईएमटी 2030) को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के साथ संयुक्त योगदान
• परीक्षण प्रयोगशालाओं को पारस्परिक मान्यता और नई परीक्षण सुविधाओं की स्थापना
• डिजिटल ट्विन्स पर सहयोग, जिसमें मानकीकरण ढांचे, गोपनीयता संवर्द्धन करने वाली प्रौद्योगिकियां और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े डेटा संग्रह- क्रॉस-सेक्टोरल डेटा के अनुप्रयोग शामिल हैं
• क्वांटम संचार समाधान और पनडुब्बी समुद्री केबल सुरक्षा को उन्नत बनाना
• सेंटर फ़ॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमैटिक्स (सीडॉट) द्वारा विकसित स्वदेशी 4जी/5जी दूरसंचार स्टैक (नेटवर्क प्रोटोकॉल परतों का समूह जो एक साथ काम करते हैं और डेटा को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने और प्राप्त करने में मदद करते हैं) को बढ़ावा देना
• ब्रिटेन और भारत 6जी एलायंस के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संचार (टीएन-एनटीएन) पर सहयोग
दूरसंचार सचिव की यात्रा से दूरसंचार और डिजिटल बुनियादी ढांचे में नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने के भारत और ब्रिटेन की साझा प्रतिबद्धता रेखांकित होती है। इससे अगली पीढ़ी के संचार समाधानों में सहयोग बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह वैश्विक दूरसंचार नीतियों को आकार देने, एआई-संचालित नवाचारों को बढ़ावा देने और डिजिटल रूप से समावेशी भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी सुदृढ़ करने के भारत का सक्रिय दृष्टिकोण भी दर्शाता है।
सी-डॉट
सी-डॉट भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। यह भारत के दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने और वैश्विक मानकीकरण प्रयासों में योगदान देने के लिए 4जी/5जी समाधान, एआई-संचालित नेटवर्क प्रबंधन और साइबर सुरक्षा ढांचे सहित स्वदेशी दूरसंचार प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की समर्पित इकाई है।
सोनिक लैब्स
सोनिक लैब्स (स्मार्ट आरएएन ओपन नेटवर्क इंटरऑपरेबिलिटी सेंटर) ब्रिटेन सरकार के विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसआईटी) द्वारा वित्त पोषित लंदन स्थित विश्व का अग्रणी नवप्रवर्तन तथा अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। डिजिटल कैटापल्ट और ऑफकॉम द्वारा संयुक्त रूप से संचालित-सोनिक लैब्स ओपन आरएएन में वैश्विक प्रौद्योगिकी विकसित करता है, जिसका लक्ष्य विविध और प्रतिस्पर्धी दूरसंचार आपूर्ति श्रृंखला सृजित करना है।
एलन ट्यूरिंग इंस्टीट्यूट, ब्रिटेन
ब्रिटेन का एलन ट्यूरिंग इंस्टीट्यूट, राष्ट्रीय डेटा विज्ञान और एआई संस्थान, विश्व स्तरीय अनुसंधान करता है, एआई नवप्रवर्तन को बढ़ावा देता है, और वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए शिक्षाविदों, उद्योग और नीति निर्माताओं के साथ तालमेल करता है। 13 साझेदार विश्वविद्यालयों के नेटवर्क और खुले सहयोग मॉडल को अपनाकर यह एआई-संचालित समाधानों को आगे बढ़ाने, सार्वजनिक नीति गढ़ने और भविष्य की उन्नत तकनीक कौशल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संस्थान आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन के वैश्विक चालक एआई पहल को बढ़ावा देता है।
सीएचईडीडीएआर
वितरित क्लाउड कंप्यूटिंग अनुप्रयोगों और अनुसंधान को उन्नत बनाने का संचार केंद्र- सीएचईडीडीएआर एक अग्रणी अनुसंधान केंद्र है जो अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग, एज कंप्यूटिंग और एआई-संचालित प्रणालियों को विकसित करता है। इंजीनियरिंग और भौतिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ईपीएसआरसी)–ब्रिटेन के अनुसंधान एवं नवाचार (यूकेआरआई) द्वारा प्रौद्योगिकी मिशन फंड (टीएमएफ) के माध्यम से वित्त पोषित- सीएचईडीडीएआर शिक्षा, उद्योग और वैश्विक समुदाय के साथ सहयोग के महत्वपूर्ण मंच के तौर पर काम करता है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के नेतृत्व में, क्रैनफील्ड, डरहम, ग्लासगो, लीड्स और यॉर्क विश्वविद्यालयों सहित मुख्य भागीदारों के सहयोग से सीएचईडीडीएआर भविष्य की संचार प्रणालियों को क्लाउड और एआई तकनीकों के साथ समेकित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। भविष्य के 6जी संचार मानकों के साथ सीएचईडीडीएआर का लक्ष्य सुरक्षित, संधारनीय और बुद्धिमत्तापूर्ण संचार अवसंरचनाओं में अनुसंधान को आगे बढ़ाना और सुनिश्चित करना है कि ब्रिटेन तकनीकी नवाचार में अग्रणी रहे।

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