अमृतसर (प्रतीक) :- बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर विमेन, अमृतसर ने नेशनल एडु ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सहयोग से ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी “एक सतत भविष्य के लिए अभिनव मार्ग: पर्यावरण, उद्यमिता और स्थिरता का आयोजन किया। संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को आधुनिक युग में पर्यावरण, उद्यमिता और स्थिरता को एकीकृत करने पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना था।
अपने उद्घाटन भाषण में प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने आज की दुनिया में स्थिरता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने से दक्षता बढ़ती है, बर्बादी कम होती है और लागत बचत होती है, जिससे अंततः लाभप्रदता बढ़ती है। अपनी मुख्य रणनीतियों में स्थिरता को एकीकृत करके, व्यवसाय, आर्थिक विकास, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और सामाजिक कल्याण के बीच संतुलन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे एक लचीले और समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने सेमिनार के संयोजक डॉ. सिमरदीप, सुरभि सेठी और डॉ. निधि अग्रवाल को इस सेमिनार के सफल आयोजन के लिए बधाई भी दी।
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी रीजनल कैंपस, गुरदासपुर में बिजनेस मैनेजमेंट के प्रोफेसर और डीन डॉ. ऋषि राज शर्मा ने अपना मुख्य भाषण देते हुए स्थिरता को बढ़ावा देने में वैदिक मूल्यों की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। श्लोकों और उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने जीवन और व्यवसाय में स्थायी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए व्यक्तिगत जिम्मेदारी और अखंडता को आवश्यक सिद्धांतों के रूप में महत्व दिया। तकनीकी सत्रों में लगभग 60 शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने पर्यावरण, उद्यमिता, स्थिरता, एनईपी 2020 और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा कौशल विकास जैसे विभिन्न विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। इन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया, डॉ. ऋषि राज शर्मा, नेशनल एडुट्रस्ट ऑफ इंडिया के सी ई ओ श्री समर्थ शर्मा और कॉलेज के मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. सिमरदीप ने की। वाणिज्य विभाग की सहायक प्रोफेसर बिन्नी शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। सेमिनार में कॉलेज के संकाय सदस्यों और छात्राओं के साथ-साथ विभिन्न संस्थानों के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
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