जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे स्कूल महावीर मार्ग जालंधर के सभागार में अपनी कर्मनिष्ठ, प्रतिभावान सुषमा पॉल बर्लिया जी (चेयरपर्सन, एपीजे एजुकेशन, को फाउंडर एंड चांसलर, एपीजे सत्य यूनिवर्सिटी, चेयरपर्सन एंड प्रेसिडेंट, एपीजे सत्य और स्वर्ण ग्रुप, चेयरपर्सन-एपीजे सत्य एजुकेशन रिसर्च फाऊंडेशन) के सकारात्मक कुशल नेतृत्व और आशीर्वाद के साथ 29.04.24 दिन सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाने के लिए नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता मिडल्स तथा सीनियर स्तर पर करवाई गई। इस प्रतियोगिता में कुल 26 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगियों ने क्लासिकल, सेमी क्लासिकल, फ्यूजन ,कंटेम्पररी, वेस्टर्न तथा फोक कैटिगरी के अंतर्गत विभिन्न नृत्य प्रस्तुत किए गए। प्रतियोगिता के निर्णायक की भूमिका एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स से डॉ मिकी तथा लवप्रीत कौर जी ने निभाई। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्योति प्रज्वलित कर किया गया। छात्रों ने बहुत उत्साह तथा उमंग से इस प्रतियोगिता में भाग लिया और अपने कदमों की थाप से सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।
विद्यार्थियों की वेशभूषा, संगीत और नृत्य की बहुत प्रशंसा की गई। प्रतियोगिता के परिणाम कुछ इस प्रकार रहे मिडल्स स्तर पर क्लासिकल कैटेगरी में अर्शिया लूंबा तथा तथा अवनि अग्रवाल ने पहला स्थान प्राप्त किया, दूसरे स्थान पर रही चिनार गोयल तथा तीसरा पुरस्कार प्राप्त करने वाले रहे हुनर। इसी प्रकार सेमी क्लासिकल कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार रहा शनाया चड्ढा, दूसरा पुरस्कार मायरा कोहली तथा भव्या आस्था ने प्राप्त किया, तीसरे स्थान पर रही मायरा मिड्ढा। फ्यूजन कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करनेवाले रहे यश ज्योति, दूसरे नंबर पर रही श्रेया धवन। मिडिल स्तर पर फोक कैटेगरी में प्रथम स्थान प्राप्त किया प्रवण सिंह बोधी ने, दूसरे स्थान पर रही भूमि शर्मा तथा तीसरे स्थान पर जन्या अग्रवाल। सीनियर स्तर पर परिणाम भी विभिन्न कैटेगरी के अंतर्गत ही निकल गए। क्लासिकल कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार रहा गौरिका जोशी का। सेमी क्लासिकल कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार रहा आस्था धवन का तथा दूसरा पुरस्कार इशिता का। वेस्टर्न कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया इत्रांश जैन, दूसरा स्थान प्राप्त किया हेलिक ने तथा तथा तीसरे स्थान पर रहीं राव्या गुप्ता। कंटेंपरेरी में मान्या जैसवाल का प्रथम स्थान रहा वहीं खुशी का दूसरा। फ्यूजन कैटेगरी में अमायरा साहनी तथा गुरबाणी का प्रथम पुरस्कार तथा रूपल आलंग का दूसरा स्थान रहा। विद्यालय के प्रिंसिपल संगीता ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए ताकि वह अपने अंदर छिपी प्रतिभा को उभार सकें और नृत्य कला तो मनुष्य को शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि विद्यालय समय समय पर ऐसी प्रतियोगिताएं करवाता रहता है ताकि विद्यार्थियों का चहुमुखी विकास हो। इस अवसर पर विजेता छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया।