अमृतसर (प्रदीप) :- बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर विमेन द्वारा अपने सात दिवसीय विशेष वार्षिक एनएसएस शिविर का समापन समारोह अत्यंत उत्साह एवं गरिमा के साथ आयोजित किया गया। यह समारोह सेवा, अनुशासन एवं सामाजिक जागरूकता को समर्पित सप्ताह भर चले कार्यक्रम की सफल परिणति का प्रतीक रहा। इस अवसर पर एनएसएस स्वयंसेवकों के सामूहिक प्रयासों को रेखांकित किया गया, जिन्होंने शिविर के दौरान विभिन्न सामुदायिक, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता निभाई। इस कार्यक्रम में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. बलबीर सिंह, विभागाध्यक्ष, फार्मास्युटिकल साइंसेज़ तथा एनएसएस समन्वयक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने एनएसएस के मूल आदर्शों—अनुशासन, माता-पिता के प्रति सम्मान एवं करुणा—पर विशेष बल दिया तथा विद्यार्थियों को समाज के प्रति उत्तरदायी आदर्श नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वयंसेवकों की निष्ठा एवं समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें ईमानदारी एवं संवेदनशीलता के साथ समाज-सेवा के कार्यों में निरंतर संलग्न रहने का आह्वान किया। बी.कॉम सेमेस्टर पाँच की छात्रा एवं एनएसएस अध्यक्ष भव्या ने सात दिवसीय शिविर के दौरान प्राप्त अपने अनुभव साझा किए तथा स्वयंसेवकों में विकसित हुई सीखने की प्रवृत्ति, टीम भावना एवं सामाजिक उत्तरदायित्व की चेतना पर प्रकाश डाला।


शिविर में सहभागिता के लिए कुल 102 एनएसएस स्वयंसेवकों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। बी.कॉम सेमेस्टर पाँच की भव्या एवं श्रेया शर्मा को “सर्वश्रेष्ठ शिविरार्थी” के सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, सिमरन दमक को “सहानुभूति राजदूत”, काशनी को “नवाचार अग्रणी”, रिद्धिमा को “रचनात्मकता उत्प्रेरक”, दिव्यांशी को “सामुदायिक प्रेरणा”, वेदांता को “सेवा अग्रणी”, बिदिशा को “लचीलापन चैंपियन” तथा गुंदीप कौर को “लेंस वुमन” के रूप में उनके उल्लेखनीय योगदान हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के सांस्कृतिक सत्र में “स्क्रीन और संस्कार” विषय पर एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें अत्यधिक स्क्रीन उपयोग के मानवीय मूल्यों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को सशक्त रूप से दर्शाया गया। स्वयंसेवकों ने एनएसएस गीत “स्वयं सजे वसुंधरा संवार दे” का सामूहिक गायन कर निस्वार्थ सेवा का संदेश प्रसारित किया। एनएसएस विषयों पर आधारित रंगोली एवं पोस्टर प्रदर्शनी ने कार्यक्रम में सृजनात्मकता एवं जीवंतता का संचार किया। प्राचार्या डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने अपने प्रेरक सम्बोधन में एनएसएस टीम एवं स्वयंसेवकों के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविर छात्राओं में सहानुभूति, नेतृत्व क्षमता एवं सामाजिक प्रतिबद्धता जैसे मूल्यों के विकास में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने छात्राओं से एनएसएस की भावना को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया। इस अवसर पर डीन, कम्युनिटी डेवलपमेंट इनिशिएटिव्स डॉ. अनीता नरेंद्र, एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर सुरभि सेठी, डॉ. निधि अग्रवाल, डॉ. पलविंदर सिंह तथा सुमेरा नारंग भी उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्राओं को सामुदायिक सेवा में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया।
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