जालंधर (अरोड़ा) :- स्नातकोत्तर गणित विभाग ने राष्ट्रीय गणित दिवस, 22 दिसंबर 2025 के अवसर पर डीबीटी द्वारा प्रायोजित गणित गैलरी, इनफिनिटम मैथेमेटिक को शैक्षणिक समुदाय को समर्पित किया। गैलरी का औपचारिक उद्घाटन प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने किया, जिन्होंने गैलरी पट्टिका का अनावरण किया और रिबन काटने की रस्म अदा की। उद्घाटन कार्यक्रम में वरिष्ठ उप-प्राचार्य डॉ. कुॅंवर राजीव और उप- प्राचार्या प्रोफेसर सोनिका दानिया; समग्र डीबीटी समन्वयक डॉ. पुनीत पुरी; रजिस्ट्रार प्रोफेसर अशोक कपूर; उप रजिस्ट्रार प्रोफेसर मनीष खन्ना; और गणित विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. तुली, साथ ही विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे। श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के उपलक्ष्य में, प्रोफेसर मोनिश अरोरा और प्रोफेसर साहिल नागपाल (अध्यक्ष, बंसीलाल गणितीय सोसायटी) ने विशेष रूप से “रामानुजन वॉक” का आयोजन किया, जिसमें उनके जीवन और गणित में उनके प्रमुख योगदानों को दर्शाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डी.ए.वी. गान से हुआ, जिसके बाद गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।




सभा का स्वागत करते हुए, गणित स्नातकोत्तर विभाग के प्रमुख डॉ. पी. के. शर्मा ने बताया कि गणित गैलरी की स्थापना का विचार प्राचार्य के नेतृत्व में आया और विभागीय सामूहिक प्रयासों से साकार हुआ। इस गैलरी का उद्देश्य अमूर्त गणितीय अवधारणाओं को दृश्य और संवादात्मक प्रस्तुतियों में परिवर्तित करके अनुभावात्मक और परिणाम-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना है। गैलरी में आठ कॉलेज-स्तरीय गणितीय मॉडल प्रदर्शित हैं, जिनमें मोबियस स्ट्रिप, साइन और कोसाइन वक्रों का निर्माण, परिक्रमण सतह, विभिन्न उत्केन्द्रता के साथ दीर्घवृत्त निर्माण, टावर ऑफ हनोई और शंकु के खंडों को दर्शाने वाले मॉडल शामिल हैं, जो छात्रों को सार्थक व्यावहारिक शिक्षण अनुभव प्रदान करते हैं। अपने संबोधन में, डॉ. राजेश कुमार ने इस पहल की सराहना की और गैलरी को एक अद्वितीय शैक्षणिक संसाधन बताया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र में अपनी तरह की एकमात्र कॉलेज-स्तरीय गणित गैलरी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह गैलरी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मूल्यवान शैक्षणिक धरोहर साबित होगी। गणित गैलरी की प्रभारी डॉ. सीमा शर्मा ने कार्यक्रम की व्यवस्थाओं का समन्वय किया। मंच का संचालन प्रो. रंजीता गुगलानी ने किया और गणितीय मॉडलों के कार्यशील प्रदर्शन का मार्गदर्शन प्रो. जसमीन कौर ने किया। कार्यक्रम का समापन विभागीय डीबीटी समन्वयक डॉ. आशु बहल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने वित्तीय सहायता के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और संकाय सदस्यों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की, जिनके कारण यह गैलरी साकार हो सकी। उन्होंने विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों की उपस्थिति को भी स्वीकार किया और इसके लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।
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