अमृतसर (प्रदीप) :- बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर विमेन, अमृतसर ने 15 से 22 दिसंबर 2025 तक उन्नत भारत अभियान और माय भारत के संयुक्त तत्वावधान में मेरे भारत के लिए युवा और डिजिटल साक्षरता के मुख्य थीम पर आधारित सात दिवसीय विशेष वार्षिक एन एस एस कैंप का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कैंप में एन एस एस स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और युवाओं में सामुदायिक जुड़ाव, सामाजिक जिम्मेदारी और जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। कैंप की शुरुआत हवन यज्ञ से हुई, जिसके बाद मतदाता जागरूकता पर व्याख्यान दिया गया। गोद लिए गए गांव मालवाली में कई तरह की आउटरीच और कल्याणकारी गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देने के लिए टाई एंड डाई वर्कशॉप और ललित कला विभाग की डॉ. अदिति जैन द्वारा बनाई गई नशीली दवाओं को ना कहें” का संदेश देने वाली दीवार पेंटिंग शामिल हैं। वृक्षारोपण अभियान, डेंटल चेक-अप कैंप और स्टेशनरी, कपड़े और रोज़मर्रा के इस्तेमाल की चीज़ों का वितरण भी किया गया।

एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी सुरभि सेठी ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता पर जागरूकता व्याख्यान दिया, जिसमें प्लास्टिक के उपयोग को कम करने पर ज़ोर दिया गया, जबकि एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि अग्रवाल ने प्रतिभागियों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के हानिकारक प्रभावों, कुत्ते के काटने से बचाव और स्वस्थ जीवन जीने के तरीकों के बारे में बताया। साइबर सुरक्षा और जल संरक्षण पर अतिरिक्त सत्रों ने समुदाय को और अधिक संवेदनशील बनाया। डिजिटल मूल्यों पर नुक्कड़ नाटक और बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट वर्कशॉप जैसी सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों ने कैंप के समग्र प्रभाव को बढ़ाया। डॉ. बीनू कपूर द्वारा आयोजित टाई एंड डाई वर्कशॉप ने गांव के छात्रों के बीच रचनात्मकता और कौशल विकास को प्रोत्साहित किया। स्वयंसेवकों ने भाई कन्हैया जी वृद्धाश्रम का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने ज़रूरी चीज़ें बांटीं, निवासियों के साथ गर्मजोशी से बातचीत की और फलों के पौधे लगाए, जिससे खुशी और करुणा फैली। प्रिंसिपल डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने एनएसएस स्वयंसेवकों, कार्यक्रम अधिकारियों और एनएसएस टीम के समर्पित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कैंप सामाजिक रूप से जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि समुदाय-आधारित पहल छात्राओं के नैतिक मूल्यों, नेतृत्व कौशल और सहानुभूति की भावना को मज़बूत करती हैं, साथ ही युवाओं को माय भारत और उन्नत भारत अभियान जैसे राष्ट्रीय मिशनों से जोड़ती हैं।
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