जालंधर (अरोड़ा) :- जिससे छात्रों और कर्मचारियों के बीच आध्यात्मिक और शांत वातावरण का निर्माण हुआ। इस शुभ अवसर पर, प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए भगवद्गीता में वर्णित कर्मों के प्रकारों के बारे में बताया। अपने ज्ञानवर्धक भाषण में, उन्होंने कर्म योग, विकर्म और अकर्म की व्याख्या करते हुए परिणामों से अनासक्त होकर निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का पालन करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सभी सदस्यों को अपने दैनिक जीवन में धार्मिक कर्मों और नैतिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. राजेश कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सच्ची सफलता ईमानदारी से किए गए प्रयास और समर्पण से प्राप्त होती है, जैसा कि भगवान कृष्ण की शिक्षाओं में बताया गया है।




इस आयोजन ने श्रोताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ा और सभी को अच्छे कर्म और नैतिक जीवन के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। वरिष्ठ उप-प्राचार्य डॉ. कुॅंवर राजीव ने स्नातकोत्तर गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पी.के.को भी मंच पर आमंत्रित किया।जो इस महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने अपने लम्बे कार्यकाल बेहद सुखद अनुभव बताया। उप प्राचार्या प्रो. सोनिका दानिया, रजिस्ट्रार प्रो. अशोक कपूर, उप रजिस्ट्रार प्रो. मनीष खन्ना, स्टाफ सचिव डॉ. पुनीत पुरी, स्टाफ संयुक्त सचिव डॉ. ऋषि कुमार, शिक्षण एवं गैर-शिक्षण संकाय के सभी सदस्य हवन में उपस्थित रहे। अंत में प्रधानाध्यापक ने सभी को ऋषि लंगर के लिए आमंत्रित किया।
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