जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी, जालंधर में एक ऐतिहासिक और अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर पर आर्य रत्न डॉ. पूनम सूरी, पद्मश्री, चांसलर, डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी, जालंधर एवं प्रधान, डी.ए.वी. कॉलेज मैनेजिंग कमेटी (सी.एम.सी.), नई दिल्ली ने सुषीला एवं ओम प्रकाश सूरी स्कूल ऑफ लॉ एंड मैनेजमेंट ब्लॉक तथा यूनिवर्सिटी गेस्ट हाउस का विधिवत उद्घाटन किया। इस शुभ अवसर की शुरुआत हवन से हुई, जिसमें यूनिवर्सिटी की निरंतर प्रगति, समृद्धि और उत्कृष्टता के लिए ईश्वर से आशीर्वाद की कामना की गई। डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी की गवर्निंग बॉडी के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में डी.ए.वी. कॉलेज मैनेजिंग कमेटी के उप-प्रधान—जस्टिस प्रीतम पाल, डॉ. हर्ष महाजन, अनिल कुमार राव एवं जस्टिस एन. के. सूद, अजय सूरी, जनरल सेक्रेटरी, डी.ए.वी. कॉलेज मैनेजिंग कमेटी; प्रो. (डॉ.) एस. एस. जोहल, डॉ. पी. एस. जैसवाल; डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी की सलाहकार जुनेश काकड़िया, अजय गोस्वामी, अरविंद घई, बाल कृष्ण मित्तल, सेक्रेटरी, डी.ए.वी. कॉलेज मैनेजिंग कमेटी, जे. पी. शूर, सदस्य, डी.ए.वी. कॉलेज मैनेजिंग कमेटी के साथ-साथ मनी सूरी, योगी सूरी एवं विजय कुमार चोपड़ा, एडिटर-इन-चीफ, हिंद समाचार ग्रुप ऑफ पब्लिकेशंस, डॉ. संजीव कुमार अरोड़ा, रजिस्ट्रार, डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी सहित अनेक प्रतिष्ठित अतिथि, गवर्निंग बॉडी, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट तथा डी.ए.वी. कॉलेज मैनेजिंग कमेटी, नई दिल्ली के सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे। .






अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार ने यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक प्रगति, बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान एवं समग्र शिक्षा के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों का श्रेय आर्य रत्न डॉ. पूनम सूरी के दूरदर्शी नेतृत्व एवं प्रेरणादायक मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने स्वर्गीय श्री ओम प्रकाश सूरी द्वारा आर्य समाज तथा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए अमूल्य योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्हें देश सेवा और सामाजिक सुधार के लिए समर्पित एक महान व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि लॉ एंड मैनेजमेंट स्कूल को ऐसे महान व्यक्ति के नाम पर समर्पित करना यूनिवर्सिटी के नैतिक मूल्यों, देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है तथा विद्यार्थियों को नेतृत्व, ईमानदारी और आजीवन सेवा की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर संबोधित करते हुए आर्य रत्न डॉ. पूनम सूरी, चांसलर, डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी एवं प्रधान, डी.ए.वी. सी.एम.सी. ने साझा किया कि आर्य समाज की विचारधारा और उसके शाश्वत सिद्धांतों ने उनके व्यक्तिगत मूल्यों और दूरदर्शी सोच को कैसे आकार दिया है। उन्होंने कहा कि देशभर में डी.ए.वी. संस्थानों द्वारा प्रदान की जा रही मूल्य-आधारित शिक्षा लाखों विद्यार्थियों को प्रेरित कर रही है और उन्हें सुदृढ़ चरित्र, अनुशासित सोच तथा सामाजिक जिम्मेदारी की भावना से सशक्त बना रही है। डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी को नैक से मान्यता मिलने पर उन्होंने बधाई दी और इस उपलब्धि के पीछे टीमवर्क एवं अथक समर्पण की सराहना की। अपने पूज्य माता-पिता की स्मृति में निर्मित इस भवन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने विनम्रता से कहा कि उनके माता-पिता का सादगी, करुणा और निस्वार्थ सेवा से परिपूर्ण जीवन आज भी उन्हें मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करता है।




इस अवसर पर डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी की सलाहकार जुनेश काकड़िया ने आर्य रत्न डॉ. पूनम सूरी के उदाहरणीय नेतृत्व एवं दूरदर्शी मार्गदर्शन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधान, डी.ए.वी. सी.एम.सी. के रूप में उनके गतिशील नेतृत्व में डी.ए.वी. ने अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छुआ है, जहां देशभर में 1,000 से अधिक संस्थान दो मिलियन से अधिक विद्यार्थियों के भविष्य को संवार रहे हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए देश के विभिन्न भागों से आए गवर्निंग बॉडी एवं अन्य समितियों के सदस्यों का भी आभार व्यक्त किया। अतिथियों का धन्यवाद करते हुए राजन गुप्ता (आईपीएस, सेवानिवृत्त), पूर्व पुलिस महानिदेशक, पंजाब एवं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी ने डॉ. पूनम सूरी, मनी सूरी एवं योगी सूरी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी को शैक्षणिक उत्कृष्टता का केंद्र बनाने में उनके मार्गदर्शनपूर्ण योगदान की सराहना की। सुषीला एवं ओम प्रकाश सूरी स्कूल ऑफ लॉ एंड मैनेजमेंट ब्लॉक तथा यूनिवर्सिटी गेस्ट हाउस का उद्घाटन डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुआ है। विश्व-स्तरीय बुनियादी ढांचे, आधुनिक कक्षाओं, उन्नत शैक्षणिक सुविधाओं और छात्र-हितैषी शिक्षण वातावरण से सुसज्जित ये अत्याधुनिक इमारतें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, इनोवेशन और रिसर्च उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्मित की गई हैं। ये नई सुविधाएं बौद्धिक एवं नैतिक नेतृत्व के विकास, विद्यार्थियों को शैक्षणिक एवं व्यावसायिक सफलता के लिए प्रेरित करने तथा उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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