जालंधर (अरोड़ा) :- पिम्स अस्पताल जालंधर द्वारा चमड़ी रोगों का मुफ्त मेडिकल जाँच कैंप लगया गया ! इस कैंप में 200 से अधिक मरीज़ों ने लाभ उठाया ! इस कैंप के दौरान डॉ कारन छाबड़ा – सहiयक प्रोफेसर चमड़ी बिभाग और डॉ निष्ठा महाजन सीनियर रेजिडेंट चमड़ी बिभाग ने मरीज़ों की जाँच की और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में दबाइयाँ भी बांटी गयी ! पिम्स हस्पताल पिछले कई सालों से जरूरतमंद लोगों की लिए सुविधाएं और इलाज़ पी जी आई चंडीगढ़ के दामों पर उपलब्ध करवा रहा है ! पिम्स हस्पताल जालंधर में आयुष्मान भारत योजना के तहत भी लोगों को मुफ्त इलाज़ की सुविधा उपलब्ध है ! डॉ करण छाबड़ा और डॉ निष्ठा ने बताया की सर्दियों में त्वचा की आम समस्याएं हैं रूखी त्वचा (Dry Skin / Xerosis): नमी की कमी से त्वचा का रूखी, परतदार और खिंची-खिंची महसूस होना। खुजली (Itching): त्वचा के रूखेपन के कारण तीव्र खुजली होना। पपड़ीदार त्वचा (Flaky Skin): त्वचा पर सफेद पपड़ी जमना। एक्जिमा (Eczema): ठंड में यह गंभीर हो सकता है, जिससे खुजली, सूखापन और लालिमा होती है। सोरायसिस (Psoriasis): ठंडी हवा से लाल, पपड़ीदार धब्बे और बढ़ सकते हैं।

होंठ फटना (Chapped Lips): होंठों का रूखा होना और उनमें दरारें पड़ना।विंटर रैश (Winter Rash): सूखी, जलन वाली त्वचा जिस पर लाल, उभरे हुए, पपड़ीदार चकत्ते हो सकते हैं। रोसैसिया (Rosacea): ठंडी हवा और तापमान परिवर्तन से संवेदनशीलता बढ़ना। उन्होंने बताया की यह सब समस्याएं ठंडी, शुष्क हवा और नमी की कमी के कारण होती हैं, जिससे त्वचा में जकड़न, लालिमा और जलन महसूस होती हैi हीटिंग: घर के अंदर हीटर हवा को और शुष्क कर देते हैं। गर्म पानी से नहाना: बहुत गर्म पानी त्वचा के प्राकृतिक तेलों को हटा देता है। इनसे बचने के लिए भारी मॉइस्चराइज़र, गर्म पानी से नहाना कम करने और हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी जाती है। मॉइस्चराइज़र: गाढ़ा, तेल-आधारित मॉइस्चराइज़र लगाएं। हाइड्रेशन: खूब पानी पिएं और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन करें। नहाने के तरीके: गुनगुने पानी से नहाएं, कम समय (5-10 मिनट) के लिए, और तौलिए से रगड़ने की बजाय थपथपाकर सुखाएं। त्वचा ढकें: बाहर निकलते समय त्वचा को ठंडी हवा से बचाएं। सौम्य क्लींजर: कठोर साबुन की जगह बाम या तेल-आधारित क्लींजर का प्रयोग करें। और यदि समस्या गंभीर हो, तो त्वचा विशेषज्ञ (Dermatologist) से सलाह लें।
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