अमृतसर (प्रदीप) :- बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर विमेन ने पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा एवं भाषा विभाग के सहयोग से श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ को समर्पित “श्री गुरु तेग बहादुर जी: शहादत का सार्वभौमिक संदेश और भाई जैता जी” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रोफेसर (डॉ.) मनजिंदर सिंह, अध्यक्ष, पंजाबी अध्ययन संकाय, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता रहे।
अपने स्वागत भाषण में प्राचार्या डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने कहा कि संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को गुरु तेग बहादुर साहिब जी की अद्वितीय शहादत के वास्तविक सार से परिचित कराना था। उन्होंने गुरुद्वारा मटन साहिब के बारे में भी जानकारी सांझा की और उन कश्मीरी पंडितों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया जो उत्पीड़न से सुरक्षा की मांग करते हुए गुरु तेग बहादुर जी के पास पहुंचे थे।
अपने सम्भाषण में, डॉ. मनजिंदर सिंह ने धर्म के वास्तविक अर्थ पर प्रकाश डाला और इस बात पर ज़ोर दिया कि गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान किसी विशेष धर्म के लिए नहीं, बल्कि मानवता की स्वतंत्रता के लिए था। गुरु अर्जन देव जी की रचना “ना हम हिंदू ना मुसलमान” का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि सिख दर्शन सांप्रदायिक सीमाओं से परे है और शुद्ध आध्यात्मिकता का प्रतीक है। उन्होंने सभी से गुरु साहिब की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने का आग्रह किया। सिख इतिहास में भाई जैता जी के जीवन और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए, डॉ. सिंह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिख धर्म जाति या वर्ग के किसी भी भेद को नहीं मानता। उन्होंने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों के साथ इस विचार की पुष्टि की।
मंच संचालन पंजाबी स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डॉ. परमजीत कौर ने किया। इस कार्यक्रम में डीन अकादमिक कामायनी आनंद, डॉ. अनीता नरेंद्र, डीन कम्युनिटी इनिशिएटिव्ज़ डवैलपमैंट, डॉ. सीमा जेटली, अध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग एवं पंजाबी स्नातकोत्तर विभाग के संकाय सदस्य और छात्राएं उपस्थित रहीं।
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