चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता, विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी, पारादीप पोर्ट अथॉरिटी, ओडिशा, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (मुंबई), मुंबई पोर्ट अथॉरिटी और सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जो समुद्री और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर में अपने वित्तपोषण पोर्टफोलियो का विस्तार करने के हडको के प्रयासों में एक प्रमुख उपलब्धि साबित हुआ। मुंबई में चल रहे मैरिटाइम सप्ताह 2025 के दौरान, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (हडको), नवरत्न एनबीएफसी-आईएफसी ने अगले दशक के लिए भारत के पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में ₹1.1 लाख करोड़ मूल्य की परियोजनाओं के वित्तपोषण हेतु प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों के साथ छह समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह ऐतिहासिक पहल माननीय प्रधानमंत्री के बंदरगाह-आधारित विकास को बढ़ावा देने और भारत के कोस्टलाइन और जलमार्गों की क्षमता को दिशा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस अवसर पर, संजय कुलश्रेष्ठ, सीएमडी, हडको ने कहा, “बंदरगाह वित्तपोषण में हडको की प्रविष्टि हमारी विकास यात्रा में एक नया अध्याय है। इन कार्यनीतिक सहयोगों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य सागरमाला कार्यक्रम और मैरिटाइम अमृत काल विजन 2047, समुद्री परियोजनाओं को सहयोग देने के लिए भारत के समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में ₹1.1 लाख करोड़ का निवेश करना है, दोनों का उद्देश्य भारत को एक ग्लोबल मैरिटाइम हब में बदलना है।”


भारत का बंदरगाह क्षेत्र आधुनिकीकरण, क्षमता विस्तार और बेहतर दक्षता के कारण बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। प्रचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, औसत वैसल टर्नअराउंड समय लगभग आधा रह गया है, जो ग्लोबल मैरिटाइम क्षेत्र में एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी के रूप मं% भारत को रेखांकित करता है। हडको का बंदरगाह वित्तपोषण में प्रवेश एक ऐसे कार्यनीतिक मोड़ पर हुआ है जब मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 में बंदरगाहों, शिपिंग और अंतर्देशीय जलमार्गों में 3-3.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है। सरकार की पहल जैसे 25,000 करोड़ रुपये की मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड (एमडीएफ), 24,736 करोड़ रुपये की शिपबिंल्डिंग फाइनैंशियल असिस्टेंस स्कीम (एसबीएफएएस), और 19,989 करोड़ रुपये की शिपबिंल्डिंग डेवलपमेंट स्कीम (एसबीडीएस), का उद्देश्य बंदरगाह-आधारित विकास को सुदृढ़ करना, शिपबिल्डिंग क्षमता को बढ़ाना और सतत् मैरिटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है। इस पहल के रूप में, हडको ने भारत के समुद्री परिदृश्य में बड़े पैमाने पर निवेश के अवसरों को अनलॉक करने के लिए प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों और संस्थानों के साथ साझेदारी की है:
- सागरमाला वित्त निगम लिमिटेड (एसएफसीएल): हडको और एसएफसीएल संयुक्त रूप से सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत पात्र सार्वजनिक और निजी परियोजनाओं के लिए अगले दशक में 80,000 करोड़ रुपये तक का विस्तार करेंगे, जो बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ाने और लॉजिसटिक्स लागत को कम करने पर केंद्रित है।
- जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए): मौजूदा टर्मिनलों के पुनर्वित्तपोषण, पुनः आबंटित पीपीपी परियोजनाओं के वित्तपोषण और आगामी विस्तार प्रयासों के समर्थन के लिए 5,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (वीपीपीएल): हडको ने 21 जनवरी, 2025 को भारत के 13वें प्रमुख बंदरगाह – ग्रीनफील्ड वधावन पोर्ट, जिसे वैश्विक व्यापार के लिए भविष्य के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है, के विकास के लिए 25,000 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण ( एमबीपीए ): यह समझौता ज्ञापन मुंबई में एक समुद्री प्रतिष्ठित संरचना की योजना, वित्तपोषण और कार्यान्वयन पर केंद्रित है, जो भारत की मैरिटाइम हैरिटेज की उपलब्धि को प्रस्तुत करने का एक ऐतिहासिक व्यापार और पर्यटन केंद्र है।
- विशाखापत्तनम बंदरगाह प्राधिकरण (वीपीए): इस 487 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन का उद्देश्य बर्थों का मशीनीकरण, पीपीपी मोड के तहत आधुनिकीकरण और लिक्विड कार्गो सुविधाओं का प्रचालन और रखरखाव करना है।
- पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण (पीपीए): बर्थ मशीनीकरण, नए डॉक कॉम्प्लेक्स और कंटेनर टर्मिनलों के वित्तपोषण के लिए 5,100 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो 2030 तक पीपीए की क्षमता को 400 एमएमटी तक बढ़ाने में सहायता करेगा।
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह, कोलकाता (एसएमपी-कोलकाता): 3,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन से पूर्वी भारत के समुद्री संपर्क को सुदृढ़ करने के लिए पीपीपी मॉडल के तहत बर्थ, कंटेनर टर्मिनल और लिक्विड कार्गो जेटी के पुनर्निर्माण और मशीनीकरण को वित्तपोषित किया जाएगा।
हडको ने हाल के वर्षों में असाधारण वित्तीय प्रदर्शन भी दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में, कंपनी ने ₹2,709 करोड़, अब तक का सर्वोच्च शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो वर्ष-दर-वर्ष 28% की वृद्धि दर्शाता है, साथ ही प्रचालन राजस्व में 32.46% की वृद्धि भी दर्शाता है। ऋण पुस्तिका में 34.72% की वृद्धि हुई, जो ₹1,24,828 करोड़ तक पहुंच गई, जिससे प्रूडेंट वित्तीय प्रबंधन और नए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में कार्यनीतिक विविधीकरण का समर्थन प्राप्त हुआ। इस पहल के साथ, हडको भारत के मैरिटाइम और इंफ्रास्ट्रक्चर के परिवर्तन में एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में अपनी स्थिति को सुदृढ़ करता है – देश की विशाल कोस्टलाइन के साथ विकास, कनेक्टिविटी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
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