एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स ने मानसिक स्वास्थ्य कैफ़े कार्यशाला के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य माह का समापन किया

जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स, जालंधर के मनोविज्ञान मंच और द लिसनिंग रूम ने मानसिक स्वास्थ्य कैफ़े नामक एक ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन करके विश्व मानसिक स्वास्थ्य माह का समापन समारोह आयोजित किया। इस सत्र का संचालन परामर्श मनोवैज्ञानिक और खेल चिकित्सक प्राचिका चोपड़ा ने किया, जिन्होंने एक आकर्षक और संवादात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से विषय पर गहन चर्चा की। चोपड़ा ने इस क्षेत्र को आकार देने वाले मूलभूत सैद्धांतिक मॉडलों और चिकित्सीय तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की और खेल चिकित्सा की सूक्ष्म समझ प्रदान की। चर्चा में 3 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों, विशेष रूप से उन बच्चों के लिए खेल चिकित्सा की प्रभावशीलता पर ज़ोर दिया गया, जो आघात, चिंता, शोक, व्यवहार संबंधी चुनौतियों या विकासात्मक देरी से जूझते हुए अपनी भावनाओं को मौखिक रूप से व्यक्त करने में कठिनाई महसूस करते हैं। कार्यशाला के इस सत्र में खेल चिकित्सा के लाभों और सीमाओं का एक गहन विश्लेषण भी शामिल था। जहाँ भावनात्मक नियमन, संचार और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में इसकी सिद्ध सफलता पर प्रकाश डाला गया, वहीं चुनौतियों—जैसे विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता, संभावित भ्रांतियाँ और संदर्भ-विशिष्ट कार्यान्वयन—की भी गहन जाँच की गई। चोपड़ा ने खेल चिकित्सा में संवाद के महत्व, बच्चों में चिकित्सा पर निर्भरता के प्रबंधन, अशाब्दिक संचार संबंधी समस्याओं के समाधान और तीन ए—स्वीकार, संबोधित और जागरूक—को प्रभावी चिकित्सीय अभ्यास के आधार स्तंभों के रूप में समझने पर ज़ोर दिया। गतिविधि-आधारित और संवादात्मक कार्यशाला में मनोविज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पूरे सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस अवसर पर, प्राचार्या डॉ. नीरजा ढींगरा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक चिंता का विषय होने के बावजूद अक्सर इसकी अनदेखी की जाती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह की जागरूकता पहल मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। डॉ. ढींगरा ने मनोविज्ञान विभाग की निहारिका मजूमदार और हरप्रीत के समर्पित प्रयासों की सराहना की और उन्हें भविष्य में भी ऐसे सार्थक प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान मंच की अध्यक्ष कृतज्ञ गाबा ने कुशलतापूर्वक किया, जबकि मंच की कार्यक्रम समन्वयक वंशिका शर्मा ने हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन किया।

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