एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर ने रचा सुनहरी इतिहास

147 अंकों के शानदार स्कोर के साथ 25 वीं बार जीती ज़ोनल यूथ फेस्टिवल की चैम्पियन ट्रॉफी

जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स, जालंधर ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा और उत्कृष्टता का लोहा मनवाते हुए गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर द्वारा आयोजित ज़ोनल यूथ फेस्टिवल में 147 अंकों के शानदार कुल स्कोर के साथ चैम्पियन ट्रॉफी अपने नाम की। यह उपलब्धि कॉलेज के स्वर्ण जयंती वर्ष — स्थापना के 50वें वर्ष — में हासिल की गई है, जो इसे और भी ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण बनाती है। सांस्कृतिक, नाट्य, संगीत, ललित कला और साहित्यिक प्रतियोगिताओं में एपीजे के छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सभी प्रतिभागी संस्थानों को पीछे छोड़ दिया। 35 प्रतियोगियों में से कॉलेज ने 18 में प्रथम, में 10 में द्वितीय तथा 4 में तृतीय स्थान हासिल कर पूरे क्षेत्र में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवा दिया। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. नीरजा ढींगरा ने इस उल्लेखनीय सफलता पर विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों को बधाई देते हुए कहा, “एपीजे कॉलेज की यह जीत हमारी रचनात्मकता, अनुशासन और कला के प्रति समर्पण की जीवंत मिसाल है। स्वर्ण जयंती वर्ष में यह उपलब्धि हमारे लिए प्रेरणादायी और ऐतिहासिक है।” एपीजे कॉलेज ने अनेक प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया — इनमें प्रमुख है, शास्त्रीय नृत्य (Classical Dance), एकांकी नाटक (One Act Play), स्किट, माइम, कॉस्ट्यूम परेड, शास्त्रीय गायन (Classical Vocal), शास्त्रीय वादन (Classical Instrumental), कविश्री, समूह भजन/शब्द, समूह गीत (Group Song), वेस्टर्न वोकल सोलो, वेस्टर्न ग्रुप सॉन्ग, वेस्टर्न इंस्ट्रुमेंटल सोलो, कोलाज मेकिंग, रंगोली, क्ले मॉडलिंग तथा हिंदी एवं अंग्रेज़ी वाद-विवाद प्रतियोगिता। इसके साथ ही कॉलेज ने कोरियोग्राफी, जनरल डांस, मिमिक्री, वार सिंगिंग, गीत/ग़ज़ल, पेंटिंग ऑन द स्पॉट, फुलकारी, पोस्टर-मेकिंग, अंग्रेज़ी व हिंदी भाषण (Elocution) में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, कॉलेज ने गिद्धा, भांगड़ा, लोक ऑर्केस्ट्रा (Folk Orchestra) तथा लोक गीत (Folk Song) प्रतियोगिताओं में तृतीय स्थान प्राप्त किया। गौरतलब है कि एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स ने वर्षों से गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के यूथ फेस्टिवलों में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखी है। इस वर्ष की जीत ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में यह संस्थान प्रतिभा, परिश्रम और उत्कृष्टता का पर्याय है। कॉलेज प्राचार्या डॉ नीरजा ढींगरा जी ने आगे कहा उन्होंने कहा कि इस जीत के साथ कॉलेज एपीजे एजुकेशन के संस्थापक प्रमुख डॉ सत्यपाल जी के आदर्शों और विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सुषमा पाल बर्लिया, एपीजे एजुकेशन की प्रमुख, एपीजे सत्य विश्वविद्यालय की चांसलर और एपीजे सत्य और स्वर्ण समूह की प्रमुख और उनकी बेटी और संयुक्त सचिव, एपीजे एजुकेशन, डॉ नेहा बर्लिया को भी धन्यवाद दिया कि उनका मार्गदर्शन और हर पहलू में उनका समर्थन हमारी जीत का कारण है। इसके साथ ही उन्होंने डीन यूथ फेस्टिवल डॉ अमिता मिश्रा और कॉलेज के सांस्कृतिक सलाहकार डॉ अरुण मिश्रा के प्रयासों की बहुत सराहना की और प्रभारी शिक्षकों के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक जीत केवल शिक्षकों के मार्गदर्शन और छात्रों की कड़ी मेहनत से हासिल होती है। यह बहुत गर्व की बात है।

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