अमृतसर (प्रदीप) :- बी बी के डी ए वी कॉलेज फॉर विमेन, अमृतसर ने हिंदी दिवस बड़े उत्साह और सांस्कृतिक उल्लास के साथ मनाया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पद्मश्री डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी, कुलाधिपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश रहे। कार्यक्रम के दौरान, अनुशासन समिति, छात्रा परिषद और एन एस एस स्वयंसेवकों को सम्मानित करते हुए बैज प्रदान किए गए। सभा को संबोधित करते हुए, प्राचार्या डॉ. पुष्पिंदर वालिया ने व्यक्तिगत और सामूहिक पहचान को आकार देने में मातृभाषाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मातृभाषा केवल संचार का एक साधन ही नहीं है, बल्कि हमारे शुरुआती सपनों, विचारों और भीतर से निकलने वाली स्वाभाविक अभिव्यक्ति का माध्यम भी है। डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी ने अपने संबोधन में कहा कि संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हिंदी, विभिन्न क्षेत्रों, संस्कृतियों और समुदायों के लाखों लोगों को एकजुट करते हुए और भारत के बहुभाषी समाज में एकता के सेतु का काम करती है, और राष्ट्र के अनेकता में एकता के मूल सिद्धांत को साकार करती है। उन्होंने अपने भाषण का समापन महर्षि दयानंद की महान कृति सत्यार्थ प्रकाश का हवाला देते हुए इसके सुधारवादी विचारों और सामाजिक परिवर्तन के माध्यम के रूप में हिंदी को आकार देने में इसके गहन प्रभाव पर प्रकाश डाला। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता नरेंद्र ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. सिमरदीप, डीन, अकादमिक, कामायनी, डीन, छात्र परिषद, जसप्रीत बेदी, सुरभि सेठी, डॉ. निधि अग्रवाल, एन एस एस प्रोग्राम अफसर और हिंदी विभाग की छात्राएं भी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।
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