जालंधर (अरोड़ा) :- हवा प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने लंग केयर फाउंडेशन, डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी, जालंधर, और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.) के सहयोग से ‘सांझी हवा और स्वास्थ्य- हवा, स्वास्थ्य और टिकाऊ भविष्य पर सामूहिक संवाद’ शीर्षक के तहत एक उच्च-स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन के माध्यम से हवा की बिगड़ती गुणवत्ता और इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणामों के समाधान पर विचार-विमर्श करने के लिए किसानों, युवा नेताओं, शिक्षाविदों, जिला अधिकारियों, नीति निर्माताओं, चिकित्सा विशेषज्ञों, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों, मीडिया सहित विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर एकत्र किया गया। उद्घाटन सेशन में प्रमुख वक्ताओं ने भाग लिया और प्रशासन, शैक्षणिक क्षेत्र, अनुसंधान और सार्वजनिक स्वास्थ्य के विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ज) अमनिंदर कौर बराड़ ने सम्मेलन के दौरान संबोधन में कहा कि पंजाब सरकार के नेतृत्व में जिला प्रशासन हवा प्रदूषण से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि हवा की गुणवत्ता एक साझा जिम्मेदारी है और इसके समाधान के लिए किसानों, नागरिकों, विशेषज्ञों और सरकारी संस्थानों के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. मनोज कुमार ने अपने संबोधन में जागरूकता और कार्रवाई को बढ़ावा देने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका को रेखांकित किया। पंजाब डी.एफ.सी.ए. के मानद अध्यक्ष डॉ. पी.एस. बख्शी ने लोगों के नेतृत्व वाली पहलों और सामूहिक जिम्मेदारी के महत्व पर जोर दिया। यू.एन.ई.पी. भारत कार्यालय के प्रमुख डॉ. सुमित शर्मा ने स्थानीय समाधानों को अंतरराष्ट्रीय ढांचे के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। लंग केयर फाउंडेशन की डिप्टी मैनेजर अंशिका कांसल ने जालंधर के 42 गांवों में किए एक स्वास्थ्य सर्वेक्षण की जानकारी साझा की। लंग केयर फाउंडेशन के डॉ. राजीव खुराना ने स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए बहु-हितधारक साझेदारी का आह्वान किया। इस दौरान दो सेशन आयोजित किए गए, जिनमें ‘सांझी हवा और सिहत: खोज, हकीकत और भविष्य’ विषय पर पैनल चर्चा के अलावा डॉ. अरविंद कुमार, संस्थापक-ट्रस्टी, लंग केयर फाउंडेशन, डॉ. जे.एस. संधा और दिग्विजय सिंह बिष्ट द्वारा ‘ए.सी.टी.’ सिद्धांत पर ‘व्यावहारिक समाधान’ पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यक्रम के अंत में विचार-मंथन सेशन के दौरान प्रतिभागियों ने स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन के लिए एक साझा कार्य योजना तैयार की। लंग केयर फाउंडेशन की डिप्टी मैनेजर रित्विका ममानीया ने मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला और भविष्य के लिए ठोस कार्रवाई के कदमों के बारे में बताया। सम्मेलन के समापन पर प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।