आईटीआई न केवल औद्योगिक शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की कार्यशालाएं भी हैं: प्रधानमंत्री
सरकारी आईटीआई, सेक्टर-28 चंडीगढ़ में आयोजित हुआ वार्षिक दीक्षांत समारोह 2025
सरकारी आईटीआई चंडीगढ़ में 487 प्रशिक्षुओं को मिला एनटीसी प्रमाणपत्र
चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शनिवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह में पीएम-सेतु (अपग्रेडेड आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन) योजना की शुरुआत की और ₹62,000 करोड़ से अधिक की युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री का यह वर्चुअल संबोधन सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (GITI), सेक्टर-28, चंडीगढ़ में भी सीधा प्रसारित किया गया, जहाँ वार्षिक दीक्षांत समारोह 2025 का आयोजन किया गया। यह पहल सरकार की उस नई परंपरा का हिस्सा है जिसके तहत देशभर के ITI प्रशिक्षुओं के लिए बड़े स्तर पर संयुक्त दीक्षांत समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का समारोह भारत द्वारा कौशल विकास को दी जाने वाली प्राथमिकता का प्रतीक है। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में दो प्रमुख पहलों की घोषणा की — ₹60,000 करोड़ की पीएम सेतु योजना जिसके तहत आईटीआई उद्योगों से और अधिक मज़बूती से जुड़ेगा, तथा देशभर के नवोदय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल स्कूलों में 1,200 कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन।



प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान में आईटीआई लगभग 170 ट्रेडों में प्रशिक्षण दे रहे हैं और बीते 11 वर्षों में 1.5 करोड़ से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस वर्ष 10 लाख से अधिक छात्रों ने अखिल भारतीय ट्रेड टेस्ट में भाग लिया। उन्होंने कहा कि ये कौशल स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जाते हैं। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि आईटीआई आत्मनिर्भर भारत की कार्यशालाएँ हैं और सरकार उनकी संख्या बढ़ाने और उन्हें आधुनिक बनाने पर केंद्रित है। 2014 तक केवल 10,000 आईटीआई थे, जबकि पिछले दशक में 5,000 नए स्थापित हुए हैं। पीएम सेतु योजना से 1,000 से अधिक आईटीआई को आधुनिक मशीनरी, विशेषज्ञों और उद्योग मांग आधारित पाठ्यक्रम के साथ उन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कौशल बढ़ता है, राष्ट्र आत्मनिर्भर बनता है, निर्यात और रोज़गार बढ़ते हैं। 2014 से पहले भारत “नाज़ुक पाँच” में था, आज विनिर्माण और रोज़गार में वृद्धि के साथ भारत शीर्ष तीन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की ओर अग्रसर है। मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना ने युवाओं को उद्यम शुरू करने में मदद की और ₹1 लाख करोड़ की प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना से लगभग 3.5 करोड़ युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। देश के हर युवा के लिए यह समय अवसरों से भरा है, इस पर ज़ोर देते हुए प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि कई चीज़ों के विकल्प मौजूद हो सकते हैं, लेकिन कौशल, नवाचार और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। यही गुण भारत के युवाओं की ताकत हैं और विकसित भारत की नींव बनेंगे।
आईटीआई सेक्टर-28, चंडीगढ़ का वार्षिक दीक्षांत समारोह 2025
समारोह में रोहित ग्रोवर, प्रबंध निदेशक, जेआरईडब्ल्यू इंजीनियरिंग लिमिटेड, मोहाली मुख्य अतिथि तथा परमजीत सिंह, निदेशक, क्षेत्रीय उद्यमिता विकास केंद्र, सेक्टर-35, चंडीगढ़ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मुख्य अतिथि श्री रोहित ग्रोवर ने अपने संबोधन में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कभी भी कुशल श्रमिकों का स्थान नहीं ले सकती, क्योंकि मशीनें बनाने और उन्हें संचालित करने का कौशल केवल मनुष्य के पास है। उन्होंने ITI संस्थानों की महत्ता पर बल देते हुए विद्यार्थियों से सतत् सीखने और कौशल निखारने का आग्रह किया। संस्थान के प्राचार्य अरुण गुप्ता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ITI संस्थान प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत @2047’ विज़न को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से हर अवसर का लाभ उठाने और अपने कौशल को और बेहतर बनाने का आह्वान किया। समारोह के दौरान 487 प्रशिक्षुओं को राष्ट्रीय व्यापार प्रमाणपत्र (NTC) प्रदान किए गए। विभिन्न ट्रेडों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रशंसा पत्र और स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए। प्राचार्य द्वारा संस्थान की वार्षिक उपलब्धियों एवं प्रशिक्षण परिणामों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर श्रीमती अंजू वर्मा, राज्य परीक्षा नियंत्रक, तकनीकी शिक्षा निदेशालय के अधिकारी, प्राचार्य श्री अरुण कुमार, शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ तथा बड़ी संख्या में प्रशिक्षु उपस्थित थे। सभी संकाय एवं कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास से यह समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसने पीएम-सेतु पहल के उद्देश्यों – कौशल, आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण – को नई ऊर्जा प्रदान की। कार्यक्रम का समापन श्री इंदरप्रीत सिंह लांबा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, द्वारा दीक्षांत समारोह के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।