जालंधर (कुलविंदर) :- दर्शन अकैडमी, जालंधर में दशहरा पर्व बड़े ही धूमधाम और सांस्कृतिक उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर भक्ति, रंगों और उत्साह से सराबोर हो गया।कार्यक्रम की शुरुआत छात्रा द्वारा हिंदी में दिए गए प्रेरणादायक भाषण से हुई, जिसमें उसने दशहरा के ऐतिहासिक और नैतिक महत्व को उजागर किया। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित मनमोहक नाट्य प्रस्तुतियाँ दीं — जैसे सीता स्वयंवर, धनुष भंग, मारीच वध, सीता हरण, राम-हनुमान मिलन, राम-रावण युद्ध और रावण वध को दर्शाया। इन प्रस्तुतियों में बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर पात्रों को जीवंत कर दिया, जिससे दर्शक भावविभोर हो उठे।



कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रही- माँ दुर्गा के नौ रूपों की झांकी, जिसमें छात्राओं ने देवी के विभिन्न स्वरूपों को सजीव रूप में प्रस्तुत किया। यह दृश्य श्रद्धा और शक्ति का अद्भुत संगम था, जिसने सभी को आध्यात्मिक भावनाओं से भर दिया। विद्यालय की छात्राओं के एक समूह ने मिलकर डांडिया नृत्य भी प्रस्तुत किया, जिसने वातावरण को उल्लास और ऊर्जा से भर दिया। यह नृत्य समरसता और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य दिनेश सिंह जी ने सभी को विजयादशमी की शुभकामनाएँ दीं और अपने संदेश में कहा, दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह पर्व हमें सत्य, साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।