जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स, जालंधर के जर्नलिज़्म एवं मास कम्युनिकेशन विभाग ने बड़े उत्साह और रचनात्मकता के साथ दूरदर्शन दिवस मनाया। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए विद्यार्थियों के लिए कई रोचक कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह से हिस्सा लिया। प्रिंसिपल डॉ. नीरजा ढींगरा ने इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, दूरदर्शन केवल एक टेलीविजन चैनल नहीं है; यह भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने में रची-बसी एक भावना है। यह हमारे राष्ट्र की प्रगति का साक्षी रहा है और परिवारों, समुदायों और राष्ट्र को एक साथ लाने वाले माध्यम के रूप में खड़ा रहा है। आज के समारोह के माध्यम से, हमारे विद्यार्थियों ने न केवल इसकी विरासत को पुनर्जीवित किया है, बल्कि भविष्य के मीडिया पेशेवरों की सच्चाई, विश्वसनीयता और सांस्कृतिक समृद्धि के मूल्यों को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी को भी दर्शाया है। कार्यक्रम की शुरुआत सूचनात्मक सत्रों से हुई, जहाँ विद्यार्थियों ने भारत के पहले राष्ट्रीय टेलीविज़न चैनल दूरदर्शन की यात्रा और उसकी विरासत पर प्रकाश डाला तथा मीडिया के इतिहास को आकार देने में उसकी भूमिका को रेखांकित किया। इसके साथ ही भारत–पाकिस्तान क्रिकेट मैच विषय पर एक जीवंत वाद-विवाद प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने विचारों को जोश और हाजिरजवाबी के साथ प्रस्तुत किया, जिससे कार्यक्रम में उत्साह और भी बढ़ गया। विद्यार्थियों ने मीडिया क्षेत्र के दिग्गजों के योगदान पर भी चर्चा की। यह आयोजन न केवल दूरदर्शन की ऐतिहासिक धरोहर का उत्सव था, बल्कि विद्यार्थियों को अपने विचार व्यक्त करने, अपनी संप्रेषण क्षमता को निखारने और भारत की मीडिया एवं सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाने का भी अवसर था। इस कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए, डॉ. ढींगरा ने जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन विभाग के अध्यापकों डॉ. निवेदिता खोसला, श्री मोहित व मैडम रितु सोहल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका समर्पण विद्यार्थियों को आलोचनात्मक रूप से सोचने, ज़िम्मेदारी से सृजन करने और दूरदर्शिता एवं निष्ठा के साथ भविष्य के मीडिया का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
