देश भर में 10 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को 90 लाख स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया: ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह
दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने केरल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (कुदुम्बश्री) के सहयोग से 10 सितम्बर को केरल के तिरुवनंतपुरम में डीएवाई-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण उद्यम इन्क्यूबेटरों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। एमओआरडी के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने अपने वर्चुअल उद्घाटन संबोधन में महिलाओं के नेतृत्व वाले ग्रामीण उद्यमों को आगे बढ़ाने में इन्क्यूबेटर कार्यक्रम की भूमिका की जानकारी देते हुए कहा कि डीएवाई-एनआरएलएम ने 10 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को 90 लाख स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया है, जिनमें से कई पहली पीढ़ी की उद्यमी बन चुकी हैं। उन्होंने असम, बिहार, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता का का उल्लेख करते हुए बताया कि केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कई अन्य राज्य अग्रणी शैक्षणिक साझेदारों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।


केरल के स्थानीय स्वशासन मंत्री एम.बी. राजेश ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कुदुम्ब के माध्यम से महिला-नेतृत्व वाली उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केरल की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यशाला ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सहयोग और नवाचार के एक मंच के रूप में कार्य करेगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव (ग्रामीण विकास) स्वाति शर्मा ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से एक संदेश में इनक्यूबेटर कार्यक्रम को महिला-नेतृत्व वाली ग्रामीण उद्यमिता के लिए एक राष्ट्रीय मंच के रूप में विकसित करने के मंत्रालय के दृष्टिकोण पर बल दिया और विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यशाला इसकी दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए कार्यान्वयन योग्य रणनीतियां और मजबूत साझेदारियां तैयार करेगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय की निदेशक (ग्रामीण विकास) राजेश्वरी एस.एम. ने कहा कि यह कार्यशाला इनक्यूबेटर परियोजना के लिए चयनित उद्यमों के विकास के लिए एक उपयुक्त वातावरण तैयार करने में सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने डीएवाई-एनआरएलएम और इनक्यूबेटर कार्यक्रम पर विस्तृत जानकारी दी। कुदुम्ब के कार्यकारी निदेशक श्री एच. दिनेशन ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। असम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विद्युत सी. देखा ने अभिनंदन भाषण दिया। कुदुम्बश्री के मुख्य परिचालन अधिकारी सी. नवीन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यशाला में मार्गदर्शन, वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी, बाज़ार पहुंच और अभिसरण पर पैनल चर्चाएं होंगी, जिनमें शिक्षा जगत, उद्योग और सामाजिक उद्यम नेटवर्क के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भाग लेंगे। इन विशेषज्ञों के अंतर्दृष्टिकोण और योगदान राज्यों में ग्रामीण उद्यम इनक्यूबेशन के विस्तार को आकार देने में सहायता करेंगे। दो दिवसीय विचार-विमर्श से राज्यों में उद्यम इनक्यूबेशन के विस्तार के लिए कार्यान्वयन योग्य रणनीतियां प्रदान करने और विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप डीएवाई-एनआरएलएम के तहत महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने में योगदान देने की आशा है।