चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- समूह स्तर में विजयी होने के बाद पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए आयोजित की जा रही 17वीं राष्ट्रीय युवा संसद (एनवाईपी) प्रतियोगिता के राष्ट्रीय राउंड के उद्घाटन सत्र में अपनी अद्भुत वाक् कौशल का प्रदर्शन किया और भाषण कौशल से सबका मन मोह लिया। भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं में संसदीय शैली की बहस और चर्चाओं के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास करना है। इस वर्ष 46 संस्थानों ने 17वीं एनवाईपी में भाग लिया, जिनमें से सीयू पंजाब सहित आठ टीमों ने फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया। कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यसभा के पूर्व सांसद श्री ब्रतिन सेन गुप्ता; संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित युवा संसद के निदेशक ए.बी. आचार्य, अमृतसर लॉ कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एवन कुमार वैद ज्यूरी सदस्य के रूप में सम्मिलित हुए।

ज्यूरी सदस्यों ने जीवंत और दिलचस्प संसदीय सत्र प्रदर्शित करने के लिए छात्रों की प्रशंसा की। गौरतलब है कि सीयू पंजाब इससे पहले 2019-20 और 2023-24 में आयोजित 15वीं और 16वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता में भी विजेता रह चुका है। 55 मिनट लंबे इस सत्र में विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने 13 संसदीय एजेंडा पेश किए, जिनमें शपथ ग्रहण, श्रद्धांजलि, नए मंत्रियों का परिचय, प्रश्नकाल, शून्यकाल, विशेषाधिकार हनन, पत्र प्रस्तुतिकरण, उच्च सदन व राष्ट्रपति कार्यालय से संदेश, विधेयकों का परिचय व पारित होना, विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत, और विधायी प्रक्रिया जैसे विषय शामिल थे। इस अवसर पर कुलपति प्रो. तिवारी ने निर्णायक मंडल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संसदीय कार्य मंत्रालय की यह पहल युवाओं को लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली के प्रति जागरूक करेगी और उन्हें संसदीय लोकतंत्र के सशक्त संचालन में योगदान हेतु प्रेरित करेगी। उन्होंने छात्रों द्वारा पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर व ऑपरेशन महादेव की उपलब्धियाँ, अमेरिकी टैरिफ नीतियाँ, कर सुधार, ‘एक राष्ट्र–एक चुनाव’ प्रस्ताव तथा हरित ऊर्जा संवर्धन जैसे मुद्दों पर हुई चर्चा की भी सराहना की। एनवाईपी के नोडल अधिकारी डॉ. पुनीत पाठक ने छात्रों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए विश्वास जताया कि वे इस बार भी प्रतियोगिता में अपनी अलग पहचान बनाएंगे और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। सत्र के अंत में संसदीय कार्य मंत्रालय ने 55 में से 8 सर्वश्रेष्ठ वक्ताओं को विशेष प्रशंसा पुरस्कारों से सम्मानित किया:
·प्रथम पुरस्कार: शुचि अरोड़ा
·द्वितीय पुरस्कार: पदमा आंगमों, दीप धारा
·तृतीय पुरस्कार: अमन तिवारी, कुमार अभिनव
·चतुर्थ पुरस्कार: अनुभव प्रताप सिंह, आराधना, नेहा मिश्रा
कार्यक्रम में प्रो. आर.के. वुसिरिका (डीन प्रभारी अकादमिक), प्रो. मोनिशा धीमान (निदेशक आईक्यूएसी), प्रो. संजीव ठाकुर (डीन छात्र कल्याण), प्रो. दीपक चौहान (डीन, स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज) और प्रो. कन्हैया त्रिपाठी (अंबेडकर चेयर, मानवाधिकार एवं पर्यावरण मूल्य) सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी व छात्र उपस्थित रहे।