सीयू पंजाब ने लगातार सातवें वर्ष देश के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में स्थान अर्जित कर रचा इतिहास
चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मार्गदर्शन और कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के गतिशील नेतृत्व में शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता की राह पर अग्रसर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयू पंजाब) ने इस वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) इंडिया रैंकिंग 2025 की “विश्वविद्यालय श्रेणी” में 77वां स्थान प्राप्त कर एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। विश्वविद्यालय ने पिछले वर्ष (एनआईआरएफ 2024) की 83वीं रैंक की तुलना में इस वर्ष अपनी रैंक में 6 स्थानों का सुधार किया है। इस सफलता के साथ विश्वविद्यालय ने लगातार सात वर्षों से भारत के “शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों” की सूची में अपना स्थान बनाए रखने की परंपरा को गर्व के साथ आगे बढ़ाया है। इस वर्ष विश्वविद्यालय ने फार्मेसी श्रेणी में 20वीं तथा विधि श्रेणी में 40वीं रैंक प्राप्त कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इससे अकादमिक उत्कृष्टता और अत्याधुनिक अनुसंधान के केंद्र के रूप में इसकी स्थिति और भी मजबूत हुई है। अपने सतत प्रदर्शन को जारी रखते हुए सीयूपीबी ने एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2025 की समग्र श्रेणी में “रैंक-बैंड 100–150” में स्थान सुरक्षित किया है।


एनआईआरएफ 2025 के परिणाम गुरुवार को माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा घोषित किए गए। सीयू पंजाब ने “विश्वविद्यालय श्रेणी” में निरंतर प्रगति दर्शाई है, जहाँ इसका स्कोर एनआईआरएफ 2024 में 47.11 से बढ़कर एनआईआरएफ 2025 में 49.53 तक पहुँच गया, जो शैक्षणिक एवं अनुसंधान प्रदर्शन में सतत् वृद्धि को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि सीयू पंजाब ने लगातार सात वर्षों से “भारत के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों” की सूची में अपना स्थान बनाए रखा है। इन सात वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय की रैंक इस प्रकार रही है: वर्ष 2019 – 95वां, 2020 – 87वां, 2021 – 84वां, 2022 – 81वां, 2023 – 100वां, 2024 – 83वां और अब 2025 में 77वां, जो अब तक का इसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। एनआईआरएफ द्वारा रैंकिंग हेतु पाँच मानदंड अपनाए जाते हैं: जिनमें शिक्षण, अधिगम और संसाधन; अनुसंधान और व्यावसायिक कार्यप्रणाली; स्नातक परिणाम; बाह्य-पहुँच और समावेश; और सहकर्मी धारणा, शामिल है। इस उपलब्धि पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि यह सफलता सीयू पंजाब के संकाय सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों और सभी हितधारकों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का सामूहिक परिणाम है। प्रो. तिवारी ने विशेष रूप से फार्मास्युटिकल साइंसेज एवं प्राकृतिक उत्पाद विभाग तथा फार्माकोलॉजी विभाग के अनुकरणीय योगदान की सराहना की, जिनके सतत प्रयासों से सीयू पंजाब को लगातार चौथे वर्ष देश के शीर्ष 30 फार्मेसी संस्थानों में स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही, उन्होंने भारत के शीर्ष 40 विधि संस्थानों में स्थान हासिल करने में विधि विभाग की भूमिका की सराहना की। भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए प्रो. तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग के सभी मापदंडों में अपने प्रदर्शन को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय से आह्वान किया कि सभी मिलकर नए उत्साह और समर्पण के साथ कार्य करें ताकि निकट भविष्य में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को देश के “शीर्ष 50 विश्वविद्यालयों” में स्थान दिलाने के लक्ष्य को साकार किया जा सके।