Wednesday , 3 September 2025

BRIC-NABI ने BioE3 सम्मेलन की मेजबानी की – अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव-प्रौद्योगिकी को सशक्त बनाने की दिशा में कदम

मेक इन इंडिया और विकसित भारत जैसी राष्ट्रीय पहलों से जुड़ी BioE3³ नीति सतत विकास को बढ़ावा देगी BioE3 पंजाब वीडियो हुआ लॉन्च, BioE3 मिशन को आगे बढ़ाने में केंद्र-राज्य समन्वय के महत्व को रेखांकित किया गया

चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- नेशनल एग्री-फूड एंड बायो-मैन्‍युफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट (BRIC-NABI) ने आज BioE³ कॉन्क्लेव का आयोजन किया, जो भारत सरकार की BioE³ नीति—अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव-प्रौद्योगिकी—को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कार्यक्रम BioE³ पखवाड़ा का हिस्सा था, जो इस परिवर्तनकारी राष्ट्रीय पहल के एक वर्ष पूरे होने का उत्सव है। युवाओं को सशक्त बनाने, किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार उत्पन्न करने और भारत की जैव-अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए बनाई गई यह BioE³ नीति, मेक इन इंडिया और विकसित भारत जैसी राष्ट्रीय पहलों के साथ जुडी है। उद्घाटन समारोह में भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले और पंजाब सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण विभाग के सचिव श्री प्रियंक भारती (IAS) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. गोखले ने BioE3 संवाद की शुरुआत की, अपनी दीर्घकालिक राष्ट्रीय दृष्टि साझा की और नीति के सफल कार्यान्वयन हेतु मज़बूत केन्द्र–राज्य सहयोग का आश्वासन दिया। वहीं श्री भारती ने BioE3 पंजाब वीडियो लॉन्च किया और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया एवं BioE3 मिशन को आगे बढ़ाने में केन्द्र–राज्य समन्वय के महत्व पर जोर दिया।

BRIC-NABI के कार्यकारी निदेशक प्रो. अश्वनी पारीक ने BioE3 के लिए संस्थान की कार्यान्वयन रूपरेखा प्रस्तुत की और घोषणा की कि पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर (PBTI) जल्द ही राज्य के लिए पहली BioE3 कॉल आयोजित करेगा। इस सम्मेलन में डीबीटी समर्थित CNRIC संस्थानों, उद्योग जगत, स्टार्टअप्स और मीडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सरकार, उद्योग और अकादमिक जगत के ट्रिपल-हेलिक्स मॉडल को BioE3 पहल की सफलता के लिए अनिवार्य बताया। इस सम्मेलन में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) समर्थित CNRIC संस्थानों, उद्योग जगत के दिग्गजों, स्टार्ट-अप्स और मीडिया के गणमान्य व्यक्ति एकत्रित हुए और उन्होंने BioE3 पहल की सफलता के लिए सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के ट्रिपल-हेलिक्स मॉडल को आवश्यक बताया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने BRIC-NABI की अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं—बायोनेस्ट और बायोफाउंड्री—का दौरा किया तथा एक पोस्टर सत्र और उत्पाद प्रदर्शनी में भाग लिया, जिसमें एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी और बायो-मैन्‍युफैक्चरिंग में नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। BRIC-NABI में आयोजित BioE3 कॉन्क्लेव ने भारत की इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि देश सतत जैव-अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगा, नवाचार-आधारित विकास को प्रोत्साहित करेगा और अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव-प्रौद्योगिकी की दृष्टि से अगली पीढ़ी को सशक्त बनाएगा।

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