Saturday , 13 December 2025

अनोखी पहल; ‘चेतना शैक्षणिक टूर प्रोग्राम’ के तहत छात्रों को सरकारी विभागों के कामकाज से करवाया जाएगा अवगत: डिप्टी कमिश्नर

कहा, 14 साल से अधिक आयु के छात्रों को ‘बेसिक लाइफ सेविंग स्किल्स’ का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा

जालंधर (अरोड़ा) :- स्कूल के छात्रों को सरकारी विभागों के कामकाज से अवगत करवाने के लिए ज़िला प्रशासन की एक अनोखी पहल के तहत ‘चेतना शैक्षणिक टूर प्रोग्राम ’ शुरू किया गया है, इस प्रोग्राम के अंतर्गत छात्रों को विभिन्न विभागों और कार्यालयों की कार्यप्रणाली को नज़दीक से देखने, समझने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने इस प्रोग्राम के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि ‘चेतना शैक्षणिक टूर प्रोग्राम ’ 22 अगस्त से शुरू होगा। इसके तहत हर शुक्रवार को 25-25 के 6 बैच के कुल 150 छात्रों को विभिन्न सरकारी दफ्तर का दौरा करवाया जाएगा। डा.अग्रवाल ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य स्कूल के छात्रों को सरकारी प्रक्रियाओं से अवगत कराना है, ताकि भविष्य में जब भी उन्हें या उनके परिचितों को सरकारी काम के लिए किसी दफ्तर में जाना पड़े, तो वे प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी रखते हों और बिना किसी रुकावट के अपना कार्य संपन्न करा सकें।

उन्होंने बताया कि छात्रों को सेवा केंद्र, सब – रजिस्ट्रार दफ्तर, नगर निगम, पुलिस थाना, सांझ केंद्र, अदालत, आर.टी.ओ. कार्यालय, बैंक सहित विभिन्न सरकारी दफ्तर में ले जाया जाएगा, जहां वे दफ्तर की कार्यप्रणाली, दस्तावेजी कार्य और ऑनलाइन सेवाओं के बारे में विस्तार से जान सकेंगे। डिप्टी कमिश्नर ने रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव को इस पहल के संबंध में संबंधित विभागों और सरकारी/निजी स्कूलों के साथ पहले से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से इस पहल को बड़े स्तर पर सफल बनाने, छात्रों की जानकारी में वृद्धि करने और उन्हें दफ्तर के कार्यों के बारे में शिक्षित करने में सक्रिय सहयोग देने के लिए कहा। इससे पहले, एक अन्य बैठक की अध्यक्षता करते हुए, डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि ‘चेतना परियोजना’ के तहत ज़िला प्रशासन, रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से, 14 वर्ष से अधिक उम्र के छात्रों को ‘बेसिक लाइफ सेविंग स्किल्स’ का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। डा.अग्रवाल ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों को स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति और दुर्घटना के दौरान, डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले, रोगी/घायल व्यक्ति की जान बचाने के तरीकों का प्रशिक्षण देना है, ताकि कीमती जिंदगियां बचाई जा सके। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्रों के अलावा, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, आई.टी.आई. और पॉलिटेक्निक के छात्रों को भी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। गौरतलब है कि ‘चेतना परियोजना’ के तहत प्रशासन पहले भी इस प्रशिक्षण को छात्रों को सफलतापूर्वक प्रदान कर चुका है। डिप्टी कमिश्नर बैठक में मौजूद संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस पहल से जुड़े आवश्यक इंतज़ाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी इस मुहिम में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का न्योता दिया। बैठक में सहायक कमिश्नर (यू.टी.) मुकिलन आर, एस.डी.एम. रणदीप सिंह हीर, ज़िला राजस्व अधिकारी नवदीप भोगल, ए.आर.टी.ओ. विशाल गोयल, रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव सुरजीत लाल, एल.डी.एम. एम.एस. मोती सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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