प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो चंडीगढ़ ने पानीपत में सरकार और स्थानीय पत्रकारों के बीच समन्वय को मज़बूत करने के लिए एक मीडिया कार्यशाला “वार्तालाप” का आयोजन किया

पानीपत के उपायुक्त ने कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को मज़बूत बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला कार्यशाला में जन कल्याण, कौशल विकास, ईएसआईसी लाभ और सहकारी क्षेत्र के पुनरुद्धार में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला गया

चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) चंडीगढ़ ने पानीपत में ‘वार्तालाप’ मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया, जो ज़िले में स्थानीय पत्रकारों के लिए इस तरह की पहली पहल थी। इस कार्यशाला का उद्देश्य मीडिया और सरकार के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देना और केंद्र एवं राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी का प्रचार प्रसार करना था। इस कार्यक्रम का उद्घाटन पानीपत के उपायुक्त श्री वीरेंद्र कुमार दहिया ने किया। अपने संबोधन में, उन्होंने मीडिया और सरकार के बीच संवाद के एक सहयोगी मंच के रूप में वार्तालाप के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य संचार अंतराल को दूर करना और आपसी समझ को बढ़ावा देना है। अपने संबोधन में, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से लैस करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) एवं अन्य संस्थानों को मज़बूत एवं कोर्सेज को उद्योगों एवं टेक्नोलॉजी के अनुसार अपग्रेड करने की जरूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने सरकारी विभागों और मीडिया के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए इस तरह की कार्यशाला आयोजित करने की पहल की सराहना की।

पीआईबी चंडीगढ़ की सहायक निदेशक शीनम जैन ने उद्घाटन भाषण दिया और प्रेस सेवा पोर्टल के बारे में पत्रकारों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिए। सहायक निदेशक डॉ. बिनीत कौर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न विभागों के कामकाज का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया। कौशल विकास विभाग के क्षेत्रीय निदेशक, सुशील अग्रवाल ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) और प्रशिक्षण अवसंरचना के निर्माण एवं संवर्द्धन जैसी योजनाओं के महत्व पर बल दिया। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के संयुक्त निदेशक श्री सुगन लाल मीणा ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभों पर चर्चा की और नियोक्ता/कर्मचारी पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीआरईई) के बारे में जानकारी साझा की। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के जिला विकास प्रबंधक श्री हिमांशु खत्री ने नई सहकारी नीति के संदर्भ में सहकारी क्षेत्र आंदोलन को बढ़ावा देने की योजना पर प्रकाश डाला और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाली सदस्य-केंद्रित संस्थाओं के रूप में सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने के सहकारी नीति के महत्व पर बल दिया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. आबिद अली ने सहकारी क्षेत्र में कौशल विकास में मीडिया की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने पत्रकारों को सहकारी समितियों पर रिपोर्टिंग के महत्व, उनके सिद्धांतों और चुनौतियों तथा सामुदायिक पत्रकारिता उनके विकास में कैसे सहायक हो सकती है, इस बारे में जागरूक किया। मीडिया कार्यशाला में प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो कार्यालय (पीआईबी) चंडीगढ़ के मीडिया एवं संचार अधिकारी अहमद खान ने जन सरोकारों के समाधान में पीआईबी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि मीडिया सरकार और जनता के बीच एक प्रभावी सेतु का काम करता है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का आयोजन आम नागरिकों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में पत्रकारों को जागरूक करने के लिए किया गया। “वार्तालाप” शीर्षक वाली यह कार्यशाला सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया आउटरीच रणनीति का हिस्सा है और सरकार की योजनाओं और नीतियों के बारे में प्रामाणिक जानकारी के साथ पत्रकारों को सशक्त बनाकर जनता और सरकार के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करने के लिए संकल्पित है। इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी (डीआईपीआरओ) सुनील बस्तारा भी उपस्थित थे और उन्होंने सक्रिय भागीदारी के लिए उपस्थित मीडिया कर्मियों का औपचारिक धन्यवाद किया। तकनीकी सत्रों के बाद इंटरैक्टिव प्रश्न-उत्तर सत्र हुआ। पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किए, और रचनात्मक फ़ीडबैक प्रदान की। पत्रकारों ने कार्यशाला आयोजित करने के लिए पीआईबी को भी धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि भविष्य में इस तरह की और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। वार्तालाप में प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के 70 से अधिक पत्रकारों ने कार्यशाला में भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न मुद्दों पर इनपुट प्रदान किए। कार्यशाला में क्षेत्रीय मीडिया के सामने आने वाली चुनौतियों और वे जन कल्याणकारी पहलों को नागरिकों तक प्रभावी ढंग से कैसे पहुँचा सकते हैं, इस पर सार्थक चर्चा हुई। कार्यशाला का समापन बेहतर जन जागरूकता, अधिक पारदर्शिता और शासन में नागरिकों की अधिक जागरूक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार और मीडिया के बीच निरंतर सहयोग पर ज़ोर देने के साथ हुआ।

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