पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को पाँच नए विभाग एवं दो केंद्र स्थापित करने तथा 17 शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करने के लिए 46 नए पदों की स्वीकृति प्राप्त हुई

दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- पंजाब सहित देशभर के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने की दिशा में अग्रसर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। सीयू पंजाब को पाँच नए विभाग एवं दो केंद्र स्थापित करने तथा 17 नए/मौजूदा शैक्षणिक कार्यक्रमों के संचालन के लिए 46 नए पदों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के प्रेरणादायी मार्गदर्शन तथा कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के दूरदर्शी नेतृत्व में संभव हो सकी है। हाल ही में शिक्षा मंत्रालय से प्राप्त पत्र के अनुसार विश्वविद्यालय को 44 शिक्षण पदों तथा 2 गैर-शिक्षण पदों के सृजन की अनुमति प्रदान की गई है। इससे विश्वविद्यालय में कुल स्वीकृत पदों की संख्या अब 261 शिक्षण तथा 137 गैर-शिक्षण हो गई है, जो पूर्व में क्रमशः 217 एवं 135 थी। यह विस्तार विश्वविद्यालय के मौजूदा 31 विभागों के अतिरिक्त निम्नलिखित नवनिर्मित शैक्षणिक विभागों एवं केंद्रों की स्थापना को संभव बनाएगा:
· कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग विभाग
· सामुदायिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
· आतिथ्य एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग
· जैव प्रौद्योगिकी एवं जैव सूचना विज्ञान विभाग
· लोक नीति एवं शासन विभाग
· श्री गुरु तेग बहादुर भारतीय सभ्यता एवं धार्मिक अध्ययन केंद्र
· विभाजन एवं अत्याचार अध्ययन केंद्र (केवल अनुसंधान हेतु)
इन विभागों एवं केंद्रों के माध्यम से एकीकृत स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएच.डी. शोध स्तरीय शैक्षणिक कार्यक्रम आरंभ किए जाएंगे, जिनमें प्रमुख हैं:

  • बी.ए. बी.एड. / बी.एससी. बी.एड.
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में बी.टेक.-एम.टेक. और पीएच.डी.
  • आतिथ्य और पर्यटन प्रबंधन में बीबीए, एमबीए और पीएच.डी.
  • जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान में एम.एससी. और पीएच.डी.
  • सामुदायिक चिकित्सा में एम.एससी., पीजी डिप्लोमा और पीएच.डी.
  • लोक नीति और शासन में एम.ए. और पीएच.डी.
  • भारतीय सभ्यता और धार्मिक अध्ययन में एम.ए. और पीएच.डी.
  • विभाजन और अत्याचार अध्ययन में पीएच.डी.
    प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने शिक्षा मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वीकृति विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विस्तार के एक नए चरण की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक साख को और सुदृढ़ करेगा, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक एवं पवित्र भूमि पर अध्ययन हेतु अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को आकर्षित करने की दिशा में भी सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में सीयू पंजाब में ‘श्री गुरु तेग बहादुर अध्ययन केंद्र’ की स्थापना, उनके महान आदर्शों, त्याग और बलिदान की विरासत को गहराई से समझने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और श्रद्धांजलि स्वरूप पहल होगी। प्रो. तिवारी ने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय पहले ही विज्ञान, मानविकी, विधि, प्रबंधन एवं सामाजिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। नए विभागों और केंद्रों की स्थापना से उभरते एवं अंतरविषयी क्षेत्रों — जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सामुदायिक स्वास्थ्य, लोक नीति, धार्मिक अध्ययन और जैव विज्ञान — में विश्वविद्यालय का योगदान और अधिक सशक्त होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीन इंचार्ज अकादमिक प्रो. आर.के. वुसुरिका, डीन छात्र कल्याण प्रो. संजीव ठाकुर एवं कुलसचिव डॉ. विजय शर्मा सहित कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय समुदाय ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का हार्दिक स्वागत किया और शैक्षणिक उत्कृष्टता व संस्थागत विकास के नए आयाम स्थापित करने हेतु कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के दूरदर्शी एवं प्रेरणादायी नेतृत्व की सराहना की।

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