जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी, जालंधर ने एक सराहनीय पहल करते हुए, स्कूल के छात्रों और स्थानीय समुदायों में स्वास्थ्य जागरूकता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, मेम्फिस यूनिवर्सिटी (यू.एस.ए.) के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के सहयोग से पंजाब का पहला पब्लिक हेल्थ क्लब लॉन्च किया। यह क्लब “जालंधर के स्कूलों में पब्लिक हेल्थ क्लबों की स्थापना” पर आधारित उस प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पीएससीएसटी) और भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत यह पब्लिक हेल्थ क्लब सरकारी स्मार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रंधावा मसंदा, जालंधर में शुरू किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में पोजेक्ट की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. तेजिंदर कौर ने स्कूल के सीनियर छात्रों को पब्लिक हेल्थ क्लब के उद्देश्यों और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन क्लबों के चयनित छात्र सदस्य “स्वास्थ्य राजदूत” की भूमिका निभाते हुए समाज में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी का प्रचार करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ये राजदूत जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और स्वास्थ्य तकनीकों जैसे मुद्दों के प्रति संवेदनशील होंगे और सामुदायिक उत्थान में सक्रिय योगदान देंगे। समारोह में यूनिवर्सिटी के बॉटनी और पर्यावरण विज्ञान विभाग से डॉ. हरप्रीत वालिया ने प्रेरणादायक शब्दों के साथ पर्यावरणीय स्थिरता और जनस्वास्थ्य के बीच गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य, एक भविष्य” की वैश्विक अवधारणा से अवगत कराते हुए समझाया कि मानव स्वास्थ्य को पर्यावरण और जैव विविधता की स्थिति से अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे प्रदूषण, वनों की कटाई और असंतुलित जीवनशैली के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को समझें और एक हेल्थ लीडर बनने की दिशा में प्रेरित हों। इसके बाद कंप्यूटर साइंस एप्लीकेशंस विभाग के डॉ. संजीव शर्मा ने स्वास्थ्य सेवा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) की बढ़ती भूमिका पर एक रोचक सत्र लिया। उन्होंने छात्रों को ए.आई. के उन आधुनिक अनुप्रयोगों से परिचित कराया, जिनका उपयोग स्वास्थ्य की निगरानी, बीमारियों का प्रारंभिक स्तर पर पता लगाने और जनस्वास्थ्य निगरानी में किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि जब तकनीक को जागरूकता से जोड़ा जाता है, तो यह अधिक प्रभावशाली हो जाती है।

मेज़बान स्कूल में केमिस्ट्री विज्ञान से दीपक जिंदल ने जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, विशेषकर हाईपरटेंशन के बढ़ते प्रसार पर एक विचारोत्तेजक चर्चा की। उन्होंने छात्रों को अनियंत्रित रक्तचाप और इससे संबंधित विकारों के कारणों, लक्षणों और दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने रोकथाम उपायों की महत्ता पर जोर देते हुए छात्रों को कम उम्र से ही नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित पोषण और मानसिक स्वास्थ्य अभ्यासों जैसी स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के अंत में, 16 छात्रों को पब्लिक हेल्थ क्लब के संस्थापक सदस्य के रूप में चयनित किया गया, जो अपने स्कूलों और समुदायों में स्वास्थ्य से जुड़ी पहलों का नेतृत्व करते हुए ग्रामीण जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्ञान और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने में मदद करेंगे। इस पहल के संबंध में यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि समाजिक उत्तरदायित्व के प्रति सजग डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना और छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए डॉ. आशीष जोशी (स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ मेम्फिस, यूएसए) का हृदय से धन्यवाद किया, जिनके प्रयासों से जमीनी स्तर पर जनस्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित किया जा सका। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रथम चरण में जालंधर के 10 स्कूलों को शामिल किया गया है। प्रो. डॉ. संजीव कुमार अरोड़ा, रजिस्ट्रार, डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी ने पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी और भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का इस परियोजना के लिए उनके निरंतर समर्थन हेतु आभार व्यक्त किया एवं स्कूल के प्रिंसिपल दलबीर कौर के प्रयत्नों की भी सराहना की। साथ ही उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और पब्लिक इंस्ट्रक्शन डायरेक्टोरेट (डीपीआई), पंजाब का भी धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से राज्य भर में पब्लिक हेल्थ क्लबों की स्थापना संभव हो सकी।