पंचकूला (ब्यूरो) :- राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने 29 जुलाई 2025 को महर्षि चरक जयंती समारोह हर्षोल्लासपूर्वक मनाया। इस कार्यक्रम का आयोजन संहिता, सिद्धांत एवं संस्कृत विभाग द्वारा किया गया। महर्षि चरक जयंती प्राचीन भारत के महान चिकित्सक महर्षि चरक की स्मृति में मनाई जाती है, जो आयुर्वेद शास्त्र में उनके अमूल्य योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर है। इस अवसर पर प्रो. प्रह्लाद रघु, प्रभारी अधिष्ठाता प्रो. सतीश गंधर्व, संस्थान के गणमान्य संकाय सदस्य, अधिकारीगण एवं उत्साही छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।


कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके उपरांत छात्रों द्वारा धन्वंतरि वंदना का भावपूर्ण गायन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. धवल मकवाना एवं श्री चंद्र मोहन जी ने अत्यंत कुशलता से किया। प्रो. सतीश गंधर्व ने चरक संहिता की नैदानिक प्रासंगिकता एवं शाश्वत ज्ञान पर प्रकाश डालते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसकी आधारभूत भूमिका को रेखांकित किया। प्रो. प्रह्लाद रघु ने आयुर्वेदिक जीवनशैली की महत्ता पर विचार रखते हुए छात्रों को इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। छात्रा कुमारी युवांशी ने आयुर्वेद के महत्व पर एक भावपूर्ण कविता का सुंदर वाचन किया, जिसने सभी के हृदय को छू लिया। कार्यक्रम का समापन बीएएमएस प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा उत्साहपूर्वक श्लोक पाठ के साथ हुआ, जिससे वातावरण प्रेरणास्पद बन गया। संस्थान ने इस आयोजन को सफल बनाने में कुलपति प्रो. संजीव शर्मा एवं डीन (शैक्षणिक एवं प्रशासन) के अटूट सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।