राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय जालंधर ने लोगों को किया जागरूक
जालंधर (ब्यूरो) :- भारत के साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली नेशनल सैंपल सर्वे की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, जालंधर ने वीरवार को रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला में एनएसएस बूथ लगाया।
इस एनएसएस बूथ में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, जालंधर के अधिकारियों ने एनएसएस द्वारा किए जा रहे कार्यों और सर्वेक्षणों को दर्शाने वाले पैम्फलेट, जो कि “एनएसएस – एक गौरवशाली अतीत से विकसित भारत के लिए एक आशाजनक भविष्य” थीम पर आधारित थे, को वितरित किया।


इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में अरुण कुमार, सहायक निदेशक, उमेश कुमार लिम्बू, बलराम सिंह एवं मनीषा, राहुल शर्मा, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी तथा सर्व श्री/श्रीमती बलविंदर कौर, सोनिका अत्री, रविंदर, चेतन कुमार और सतनाम सिंह, सर्वेक्षण प्रगणक आदि शामिल थे।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है, वर्ष 1950 से राष्ट्र की सेवा में कार्यरत है। एनएसएस अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 तक अपने 75 साल की यात्रा का जश्न मना रहा है।


एनएसएस ने देशव्यापी बड़े पैमाने पर प्रतिदर्श सर्वेक्षणों के माध्यम से विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मानकों पर एक मजबूत डाटाबेस विकसित कर रहा है, जिससे केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों को विकास योजना और नीति निर्माण में मदद मिली है।
एनएसएस की यात्रा वर्ष 1950 में योजना मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (एनएसएस) की स्थापना के साथ शुरू हुई। पहला एनएसएस सर्वेक्षण अक्टूबर 1950 से मार्च 1951 तक आयोजित किया गया था, जिसमें घरेलू, कृषि और पशुधन, घरेलू उधोग, शिल्प और व्यापार, सेवाओं और वित्तीय संचालन और घरेलू उपभोक्ता व्यय के सामान्य विवरण सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया था। इन 75 वर्षों के दौरान एनएसएस ने कई महत्वपूर्ण सर्वेक्षण किए हैं, जो भारत में योजना और नीति निर्णयों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं।