डीजीपी गौरव यादव द्वारा नशा पीड़ितों को बड़े नशा सप्लायरों से अलग करके, तस्करों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई और नशा पीड़ितों को नशा छुड़ाने का इलाज करवाने के लिए प्रेरित करने की घोषणा डीजीपी पंजाब ने जालंधर में वरिष्ठ फील्ड अधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की जनता से प्राप्त जानकारी पर तुरंत कार्रवाई हेतु पंजाब पुलिस का ध्यान ‘सेफ पंजाब चैटबॉट’ 9779100200 को और प्रोत्साहित करने पर केंद्रित: डीजीपी गौरव यादव 1 मार्च, 2025 से अब तक 15,495 नशा तस्कर गिरफ़्तार; 607 किलो हेरोइन, 249 किलो अफीम, 10.8 करोड़ रुपए की ड्रग मनी ज़ब्त
जालंधर (अरोड़ा) :- मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे व्यापक नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशों विरुद्ध’, जिसके अंतर्गत 15,000 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, की पहले तीन महीनों में मिली शानदार सफलता के बाद पंजाब पुलिस ने राज्य से नशों के संपूर्ण खात्मे के लिए रोडमैप तैयार किया है। यह घोषणा आज यहां पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने की। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु नशों के नेटवर्क को समाप्त करने के लिए दो-तरफ़ा रणनीति अपनाई जा रही है, जिसमें बड़े नशा सप्लायरों/तस्करों को नशा पीड़ितों से अलग किया जा रहा है, जिसके तहत तस्करों के विरुद्ध सख़्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है, जबकि नशा पीड़ितों को नशा छुड़ाने का इलाज करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा, “हमारा उद्देश्य नशीले पदार्थों के असली डीलरों को अलग करके और सख़्त सज़ा देकर सप्लाई चेन को तोड़ना है, जबकि नशा पीड़ितों की रिकवरी हेतु हमदर्दी भरा रवैया अपनाना है।” डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि डीलरों के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस और नशा पीड़ितों के पुनर्वास पर ज़ोर दिया जा रहा है। डीजीपी पीएपी कॉम्प्लेक्स जालंधर में राज्य में चल रहे व्यापक ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम, राज्य की क़ानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा स्थिति संबंधी ज़िलों की प्रदर्शन समीक्षा हेतु राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर डीजीपी के साथ स्पेशल डीजीपी आंतरिक सुरक्षा आर.एन. ढोके, स्पेशल डीजीपी एंटी नारकोटिक्स फोर्स (ए एन टी एफ ) कुलदीप सिंह, स्पेशल डीजीपी क़ानून व्यवस्था अर्पित शुक्ला, एडीजीपी एएनटीएफ नीलाभ किशोर और आईजीपी हेडक्वार्टर डॉ. सुखचैन सिंह गिल मौजूद थे। साथ ही इस बैठक में पंजाब के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपीज़), पुलिस आयुक्त (सीपीज़), और रेंज आईजीज़/डीआईजीज़ भी उपस्थित थे। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस ने सूची-आधारित कार्यवाही से ध्यान हटाकर सूचना-आधारित कार्यवाही पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि ‘सेफ पंजाब चैटबॉट’ पर प्राप्त होने वाली शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य ध्यान ‘सेफ पंजाब चैटबॉट’ को और प्रोत्साहित करना है ताकि जनता से प्राप्त जानकारी का उपयोग कर नशों की बिक्री के स्तर पर कार्रवाई की जा सके।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ‘सेफ पंजाब चैटबॉट’: 9779100200 पर गुप्त रूप से नशों से संबंधित जानकारी की रिपोर्ट करें। उन्होंने अपनी रणनीति के हमदर्दी वाले पहलू को उजागर करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों की थोड़ी मात्रा के साथ पकड़े गए 1,121 नशा पीड़ितों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने की बजाय उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 64-ए के तहत पुनर्वास के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पुलिस ने 5,786 नशा पीड़ितों को नशा छुड़ाने वाले केंद्रों में इलाज के लिए भेजा है और अन्य 6,483 नशा पीड़ितों को ओ ए टी क्लीनिकों में इलाज प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है। ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान के परिणाम साझा करते हुए डीजीपी ने बताया कि पंजाब पुलिस ने 1 मार्च, 2025 से अब तक 9,087 एफआईआर दर्ज की हैं और 15,495 नशा तस्करों को गिरफ़्तार किया है और उनके कब्जे से 607 किलो हेरोइन, 249 किलो अफीम, 14 टन भुक्की, 9 किलो चरस, 263 किलो गांजा, 2.5 किलो आई सी ई, 1.6 किलो कोकीन, 26.35 लाख नशीली गोलियाँ/कैप्सूल और 10.83 करोड़ रुपए की ड्रग मनी बरामद की गई है। इसके अलावा, 144 नशा तस्करों की 74.27 करोड़ रुपए की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियाँ फ्रीज़ की गई हैं। डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ज़मानत पर रिहा हुए बड़े नशा तस्करों की गतिविधियों पर नज़र रखने और निगरानी के लिए जी पी एस एंकलेट्स के प्रयोग पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा, “हम सक्षम अदालत की स्वीकृति के साथ जी पी एस एंकलेट्स के माध्यम से ज़मानत पर रिहा हुए बड़े तस्करों की गतिविधियों को ट्रैक करने और निगरानी करने हेतु क़ानूनी दृष्टिकोण से प्रस्ताव की जांच कर रहे हैं।” डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ़्तार किए गए व्यक्तियों की मैपिंग के लिए एक ए आई -संचालित श्रेणीबद्ध डाटाबेस भी तैयार किया जा रहा है जिससे प्रत्येक गिरफ़्तारी में दो स्तर तक के पूर्ववर्ती/उत्तरवर्ती संबंधों का पता लगाया जा सकेगा। इस दौरान, एडीजीपी एएनटीएफ नीलाभ किशोर ने एक व्यापक प्रस्तुति दी, जिसके उपरांत बैठक के दौरान संबंधित सीपीज़/एसएसपीज़ द्वारा ज़िला स्तरीय अपडेट्स साझा किए गए।