33 मामले दर्ज, 58 आरोपी गिरफ्तार, 20 लोगों को पुनर्वास के लिए नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया
जालंधर (अरोड़ा) :- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा ‘ युद्ध नशे के विरुद्ध ’ अभियान शुरू कर राज्य को नशा मुक्त बनाने की वचनबद्धता अधीन, कमिश्नरेट पुलिस जालंधर ने मात्र एक सप्ताह में ही महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। नशे को जड़ से खत्म करने के लिए अपनी अटूट वचनबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, कमिश्नरेट पुलिस जालंधर ने 33 मामले दर्ज किए है, 58 लोगों को गिरफ्तार किया है और 20 लोगों को पुनर्वास के लिए नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती करवाया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जालंधर पुलिस कमिश्नर श्रीमती धनप्रीत कौर ने बताया कि जालंधर पुलिस नशे के खिलाफ अपने व्यापक युद्ध को और तेज कर रही है। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ नशे की लत से ग्रस्त लोगों को छुड़ाने और उन्हें नशे से दूर करने के लिए गंभीरता दिखाई जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह में पुलिस ने 33 मामले दर्ज किए है, जबकि 45 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 64-ए के तहत 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उन्हें इलाज के लिए ड्रग डिटॉक्सिफिकेशन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में भर्ती करवाया गया है। इसके अलावा 3 फरार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गिरफ्तारियों के अलावा इन कार्रवाइयों के दौरान भारी मात्रा में नशीले पदार्थ और अवैध सामान जब्त किए गए हैं, जिनमें 13.675 किलोग्राम हेरोइन, 1450 नशीले कैप्सूल, 335 नशीली गोलियां, 2 अवैध पिस्तौल, 4 कारें और 2 मोटरसाइकिल शामिल है। सीपी जालंधर ने कहा कि जालंधर पुलिस नशे को जड़ से खत्म करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि 12 नशे के आदी लोगों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल जालंधर में भर्ती करवाया गया है, जबकि 8 लोगों को स्ट्रक्चर्ड रिकवरी प्रोग्राम के लिए ओएटी (ओपियोइड एगोनिस्ट थेरेपी) केंद्रों में भर्ती करवाया गया है।