होटल प्रबंधन संस्थान में करियर निर्माण- सीमाओं को तोड़कर परिवर्तन की नयी राह

दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- नयी ऊर्जा से भरपूर वैश्विक आतिथ्य उद्योग के विस्तार के साथ भारत आतिथ्य के क्षेत्र में कुशल पेशेवर कर्मियों का शक्ति केंद्र बनने के लिए तैयार हो रहा है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम) इस सिलसिले को आगे बढ़ाने में सबसे आगे हैं। इन संस्थानों को बहुत लंबे समय से उत्कृष्टता, व्यावहारिक प्रशिक्षण और विश्व स्तरीय पेशेवरों को तैयार करने की प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। इन संस्थानों में अब आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश शुरू हो गए हैं। ऐसे में इच्छुक छात्रों के लिए आतिथ्य के क्षेत्र में संतोषजनक करियर बनाने पर विचार करने का इससे बेहतर कोई और समय नहीं हो सकता। होटल प्रबंधन संस्थान की विरासत पद्म संजीव कपूर, शेफ मंजीत गिल, पुनीत चटवाल, रंजू एलेक्स, पद्म शेफ दामू जैसी शख्सियतों से समृद्ध है। वास्तव में, अनुभवी और अपने क्षेत्र के दक्ष लोगों की यह सूची बहुत लंबी है। इसे और भी बढ़ाया जा सकता है और इसमें कई विख्यात मिशेलिन-सितारों और हस्तियों को शामिल किया जा सकता है। यह शानदार सूची आतिथ्य के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने के मामले में न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व में होटल प्रबंधन संस्थान की गहरी पहुंच और व्यापकता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। देश भर के होटल प्रबंधन संस्थान परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं ताकि वे राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक स्तर पर उद्योग जगत की मांगों की पूर्ति के अधिक करीब हो सकें। सरकारी दिशा-निर्देशों और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया के आधार पर तेजी से लाए जा रहे परिवर्तनों के साथ इन संस्थानों में बेहतरीन रूप से प्रभावशाली शिक्षण वातावरण विकसित किया जा रहा है जिसमें न केवल छात्रों को शिक्षित किया जा सके बल्कि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सक्षम होने हेतु प्रेरित भी किया जा सके। उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करना होटल प्रबंधन संस्थान आतिथ्य उद्योग के साथ संबंधों को मजबूत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां जो पढ़ाया और सिखाया जा रहा है।

उसमें उद्योग की अपेक्षाएं प्रदर्शित हों। इस तरह की साझेदारी से पाठ्यक्रम की प्रासंगिकता बढ़ती है, छात्रों को उद्योग जगत का मूल्यवान अनुभव प्राप्त होता है और रोजगार के लिए उनका आसानी से प्लेसमेंट सुनिश्चित होता है। इस प्रयास में ताज, मैरियट, ओबेरॉय, आईटीसी जैसे होटल ब्रांड और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सक्रियता से सहयोग कर रहे हैं। वे इंटर्नशिप, भर्ती सहायता और मेंटरशिप के अवसर प्रदान कर रहे हैं। केंद्रीय होटल प्रबंधन संस्थानों और प्रमुख होटल श्रृंखलाओं के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर इस सहयोग को और मजबूत करता है जिससे छात्रों को सुव्यवस्थित तरीके से संकाय-उद्योग संपर्क, संयुक्त रूप से अनुसंधान और सीखने के व्यावहारिक अनुभव के लाभ मिल पाते हैं। पाठ्यक्रम अद्यतन करने के लिए कार्य बल एक समर्पित कार्य बल ने नए-नए विषयों को शामिल करने के लिए होटल प्रबंधन संस्थानों के पाठ्यक्रम को संशोधित किया है ताकि उन्हें भविष्य के लिए तैयार रहने योग्य बनाया जा सके। इसमें आतिथ्य के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग, डिजिटल मार्केटिंग, सतत पर्यटन से लेकर सांस्कृतिक विविधता प्रबंधन तक विभिन्न विषय शामिल किए गए हैं। इस तरह यह पाठ्यक्रम अब यह दर्शाता है कि 21वीं सदी में कार्य करने वाले कर्मियों की आवश्यकताएं क्या होंगी। छात्रों को न केवल मुख्य तौर पर होटल संचालन में बल्कि व्यवहार कुशलता, उद्यमिता और उभरती हुई तकनीकों में भी प्रशिक्षित किया जाता है। ये ऐसे कौशल हैं जो उन्हें बहुमुखी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के योग्य बनाते हैं। प्रवेश में वृद्धि के लिए उठाए गए कदम होटल प्रबंधन संस्थानों ने इस क्षेत्र में काम करने की अधिक सामर्थ्य और संभावना वाले छात्रों को आकर्षित करने की आवश्यकता की पहचान करते हुए प्रवेश में वृद्धि के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया है। इनमें शामिल हैं:

  • विद्यालयों और कैरियर मेलों में जागरूकता अभियान।
  • आतिथ्य शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंच।
  • डिजिटल मंचों पर उपस्थिति में वृद्धि, जिससे छात्रों और अभिभावकों को प्रवेश संबंधी विवरण की
    जानकारी आसानी से मिल जाती है।
    इसके अतिरिक्त, होटल प्रबंधन संस्थान प्रवेश की प्रक्रिया (एनसीएचएम-जेईई) को सुव्यवस्थित करने,
    इसमें पारदर्शिता, कुशलता बढ़ाने और छात्रों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी
    (एनटीए) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। प्लेसमेंट के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियां प्लेसमेंट में निरंतरता के प्रदर्शन के लिए होटल प्रबंधन संस्थानों की व्यापक रूप से प्रतिष्ठा है। इनके अंतिम वर्ष के छात्रों को शीर्ष आतिथ्य श्रृंखलाओं, एयरलाइनों, क्रूज लाइनों और बहुराष्ट्रीय निगमों में नियुक्त किया जाता है। होटल प्रबंधन संस्थानों में बने प्लेसमेंट सेल उद्योग जगत के साथ सक्रियता से जुड़े रहते हैं ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि उनके स्नातकों के लिए शानदार नौकरियों के प्रस्ताव सुरक्षित हों। उदाहरण के लिए, इस वर्ष डॉ. अंबेडकर होटल प्रबंधन संस्थान (एआईएचएम) चंडीगढ़ ने एक छात्र एक प्लेसमेंट का शानदार शत-प्रतिशत रिकॉर्ड हासिल किया। इस क्षेत्र में क्रूज लाइनरों की रुचि एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति है, जो अब नियमित रूप से कैंपस प्लेसमेंट में भाग लेते हैं और छात्रों को दुनिया भर के लग्जरी जहाजों पर रोमांचक अंतरराष्ट्रीय करियर के अवसर प्रदान करते हैं। वैश्विक संपर्क और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग होटल प्रबंधन संस्थानों ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस क्रम में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के साथ उल्लेखनीय साझेदारी से अकादमिक आदान-प्रदान, शोध सहयोग और वैश्विक नेटवर्किंग संभव हो सका है। वहीं, छात्रों को यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ बर्मिंघम और मॉरीशस के मैरियट होटलों में प्रतिष्ठित इंटर्नशिप कार्यक्रमों से भी लाभ मिलता है, जहां उन्हें आतिथ्य के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है और जानकारी मिलती है। ये सहयोग छात्रों के जीवन और कार्यों के विवरण में बहुत अधिक महत्वपूर्ण बिन्दु जोड़ते हैं और उनके करियर के क्षितिज का विस्तार करते हैं। संकाय विकास और नवाचार संस्कृति गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की शुरुआत उत्कृष्ट शिक्षकों से होती है। शिक्षक और संकाय सदस्य उद्योग जगत की दृष्टि से प्रासंगिक बने रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए कि होटल प्रबंधन संस्थानों ने शीर्ष होटल ब्रांडों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर संकाय विकास कार्यक्रम शुरू किए हैं। इस दौरान संकाय सदस्यों को नवीनतम उपकरणों, शैक्षणिक तकनीकों और आतिथ्य संबंधी रुझानों से परिचित कराया जाता है जिनके संबंध में वे पुनः कक्षाओं में इस्तेमाल करते हैं। इसके अतिरिक्त, होटल प्रबंधन संस्थान छात्रों को स्टार्ट-अप परियोजनाओं, शोध और उद्यमिता में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित करके नवाचार और उन्हें इस क्षेत्र के लिए विकसित करने की संस्कृति का पोषण कर रहे हैं। संस्थानों में समर्पित इन्क्यूबेशन केंद्र छात्रों को खाद्य प्रौद्योगिकी, सतत पर्यटन और सेवा-क्षेत्र में नवाचार में आशाजनक उद्यमों के लिए मार्गदर्शन और प्रारंभिक वित्तपोषण प्रदान करते हैं। विशेष सहयोग और रणनीतिक गठबंधन होटल प्रबंधन संस्थान पारंपरिक आतिथ्य क्षेत्र के बाहर भी अनूठी साझेदारी की खोज कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, रक्षा बलों के साथ सहयोग, जिसके अंतर्गत रक्षा कर्मियों के लिए कौशल और उन्हें पुनः कुशल बनाने संबंधित कार्यक्रमों को चलाने के उद्देश्य से पुनर्वास महानिदेशालय के साथ मिलकर काम, प्रशिक्षण के लिए नए क्षेत्रों की शुरूआत और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व को सुविधाजनक बनाना शामिल है। इसके अतिरिक्त, भारतीय पाककला संस्थानों (आईसीआई) में की गई पहल पाककला शिक्षा को एक विशेष क्षेत्र के रूप में सुदृढ़ कर रही है, जिससे छात्रों के लिए उपलब्ध पेशेवर कार्यों के रास्तों की विविधता बढ़ रही है। होटल प्रबंधन संस्थान क्यों चुनें? होटल प्रबंधन संस्थान से डिग्री हासिल करना केवल एक योग्यता नहीं है – यह एक प्रतिष्ठित, लोगों पर केंद्रित और वैश्विक रूप से प्रासंगिक पेशे का प्रवेश द्वार है। इसमें छात्र आतिथ्य, विमानन, स्वास्थ्य सेवा, खुदरा और पर्यटन सहित कई उद्योगों में लागू होने वाले कौशल विकसित करते हुए वास्तविक दुनिया के वातावरण में फलना-फूलना सीखते हैं। होटल प्रबंधन संस्थान रोजगार, प्रौद्योगिकी और वैश्विक तत्परता पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ परिवर्तनकारी शिक्षा का अनुभव प्रदान कर रहे हैं जो छात्रों को नेतृत्व की भूमिकाओं और उद्यमशीलता की सफलता के लिए तैयार करता है। आतिथ्य उद्योग आज करियर के कुछ बेहद रोमांचक, तेज़-तर्रार और प्रतिष्ठित अवसर प्रदान करता है। उनके लिए असीमित संभावनाएं हैं- चाहे वह लग्जरी होटल का प्रबंधन करना हो, विश्व स्तरीय अतिथि अनुभव डिजाइन करना हो, अंतर्राष्ट्रीय क्रूज लाइनरों पर काम करना हो, या अपना खुद का पाक उद्यम या इवेंट मैनेजमेंट फर्म चलाना हो। होटल प्रबंधन संस्थान रणनीतिक तौर पर अद्यतन होने के साथ ही, उद्योग जगत के साथ मजबूत भागीदारी और छात्र-प्रथम दृष्टिकोण के साथ आतिथ्य के क्षेत्र में शानदार करियर के लिए आदर्श लॉन्चपैड हैं। इस प्रकार, होटल प्रबंधन संस्थान के माध्यम से विश्व स्तरीय करियर निर्माण की गारंटी के लिए समय पर कदम उठाना सार्थक होगा। इसे इस प्रकार अच्छी तरह से व्यक्त किया गया है कि, जो कुछ करना है वह एक मिनट देर से करने से बेहतर है कि तीन घंटे पहले कर लें। लेखक ज्ञान भूषण, (आईईएस), वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, पर्यटन मंत्रालय और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी परिषद (एनसीएचएमसीटी), भारत सरकार डॉ प्रतीक घोष, विभागाध्यक्ष, डॉ अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन, चंडीगढ़।

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