जालंधर (ब्यूरो) :- ‘भारत का स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 भारतीयों की कायरतापूर्ण हत्या की घटना ने सम्पूर्ण भारतीय जनमानस को झकझोर कर रख दिया। जवाब में, सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए तीनों सेनाओं के सहयोग से ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत पर हवाई और ज़मीनी हमले शुरू कर दिए। इस युद्ध जैसी आपातस्थिति में, विश्व के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन, एनसीसी, जिसे ‘रक्षा की दूसरी पंक्ति’ भी कहा जाता है, का सक्रिय होना अनिवार्य था।




एनसीसी महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीर पाल सिंह द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार देशभर में एनसीसी कैडेट्स के लिए युद्ध स्तरीय प्रशिक्षण शुरू किया गया। इसके तहत 2 पंजाब बटालियन एनसीसी जालंधर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विनोद जोशी के कुशल नेतृत्व में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के एनसीसी कैडेटों को नागरिक सुरक्षा और बचाव तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। स्कूल ऑफ एमिनेंस, टांडा में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, बठिंडा की 7वीं बटालियन की 16 सदस्यीय टीम ने सहायक कमांडर पंकज शर्मा के नेतृत्व में एनसीसी कैडेट्स और स्कूली विद्यार्थियों को दिन और रात के समय हवाई हमलों की स्थिति, आग लगने की स्थिति तथा प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं में घायलों और बीमारों के लिए प्राथमिक उपचार के तरीकों के बारे में सिखाया ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने भारत के युवाओं में देश की बाहरी व आंतरिक सीमाओं की सुरक्षा तथा हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहने की भावना भरने के लिए कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विनोद जोशी व सहायक कमांडिंग ऑफिसर पंकज शर्मा का आभार व्यक्त किया। एनसीसी अधिकारी विपुल सिंह ने उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रबंधन एवं संचालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस सम्पूर्ण प्रशिक्षण के दौरान विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।