एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर में+2 के विद्यार्थियों के लिए चल रही स्किल एनहैंसमेंट कक्षाओं में विद्यार्थियों ने डिजाइन योर और क्लॉथिंग में सीखें सृजनात्मक पहलू

जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर में चल रही स्किल एनहैंसमेंट कक्षाओं में बी-डिजाइन के फैशन एंड टेक्सटाइल विभाग द्वारा +2 के विद्यार्थियों को डिजाइन योर आन क्लॉथिंग के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित करवाया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने विषय विशेष के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजकल बहुत से विद्यार्थी फैशन की दुनिया में सफल उद्यमी के रूप में अपने आप को स्थापित करना चाहते हैं और इसके लिए सस्टेनेबल और मार्केट के अनुसार डिजाइंस का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा कि अगर विद्यार्थी स्नातन की डिग्री करने के साथ-साथ फैशन जगत से परिचित होते हुए नए-नए डिजाइन बनाने में भी निष्णात हो जाए तो एक सफल एंटरप्रेन्योर बनने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 विद्यार्थियों को अपनी रुचि के अनुसार किसी न किसी कौशल में दक्ष होने के लिए ही प्रेरित करती है। फैशन एंड टैक्सटाइल विभाग की प्राध्यापिकाएं मैडम तान्या एवं मैडम जसलीन ने विद्यार्थियों अधुनातन फैशन डिजाइन से परिचित करवाते हुए सस्टेनेबल डिजाइन के महत्व से भी परिचित कराया उन्होंने विद्यार्थियों को ब्लॉक प्रिंटिंग, स्क्रीन प्रिंटिंग, फाइल प्रिंटिंग एवं टाइ एंड डाई की तकनीक से परिचित करवाया। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी बताया कि कई बार घर में वेस्ट पड़े हुए कपड़ों से भी बहुत अच्छे डिजाइन तैयार किया जा सकते हैं। डॉ ढींगरा ने स्किल एनहैंसमेंट कक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिए मैडम रजनी गुप्ता एवं डॉ सीमा शर्मा के प्रयासों की भरपूर सराहना की।

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