जालंधर (तरुण) :- पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के पीजी विभाग ने प्रतियोगी परीक्षा समिति के सहयोग से जीएसटी पर एक व्यावहारिक कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला का आयोजन आईसीए एडु स्किल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था; जो भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ साझेदारी में काम कर रहा है। कार्यशाला के लिए संसाधन व्यक्ति जीएस मुल्तानी, कर्नल (सेवानिवृत्त), वर्तमान में आईसीए एडु स्किल्स प्राइवेट लिमिटेड, जालंधर के निदेशक और रितिका वर्मा, एमबीए (वित्त, विपणन और यूजीसी-नेट) आईसीए एडु स्किल्स प्राइवेट लिमिटेड, जालंधर से थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को जीएसटी पर व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। संसाधन व्यक्ति ने बताया कि जीएसटी घरेलू उपभोग के लिए बेची जाने वाली अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला मूल्य वर्धित कर (वैट) है। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी का भुगतान उपभोक्ताओं द्वारा किया जाता है, लेकिन इसे वस्तुओं और सेवाओं को बेचने वाले व्यवसायों द्वारा सरकार को भेजा जाता है। उन्होंने एचएसएन यानी वस्तुओं के वर्गीकरण के लिए नामकरण कोड की सामंजस्यपूर्ण प्रणाली के बारे में भी बताया, जो 4-6 अंकों का कोड है, जिसमें अधिक अंक अधिक विशिष्टता को दर्शाते हैं, एचएसएन का उपयोग ₹1.5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों के लिए अनिवार्य है। छात्रों को जीएसटी के व्यावहारिक पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें जीएसटी पंजीकरण से लेकर जीएसटी रिटर्न फाइलिंग तक के बारे में भी आईसीए द्वारा बनाए गए सिमुलेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके विचार-विमर्श किया गया। सत्र में बी.कॉम और एम.कॉम के कुल 62 छात्र और पीजी वाणिज्य और प्रबंधन विभाग के संकाय सदस्य शामिल हुए। अध्यक्ष नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों और प्राचार्या डॉ. पूजा पराशर ने ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन के लिए विभाग की सराहना की, जो छात्रों को जीएसटी के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत होने का अवसर प्रदान करता है।
