जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में +2 की परीक्षाएं दे चुके विद्यार्थियों ने कॉलेज के बी-डिजाइन विभाग द्वारा आयोजित होम डेकोर विद वेस्ट मटेरियल की स्किल इन्हैंसमैंट कक्षाओं में घर में पड़े वेस्ट मटेरियल का सही उपयोग करने की विधि सीखी। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस कक्षा के महत्व के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के दौर में हर कोई अपने घर को सुसज्जित एवं सुव्यवस्थित रखना चाहता है। इस कक्षा के माध्यम से विद्यार्थी यह जान पाएंगे कि घर में बहुत सारी चीज़ें जिनको वह कचरे के रूप में समझ रहे हैं उससे भी घर को सुंदर बनाया जा सकता है। बी-डिजाइन विभाग की प्राध्यापिका मैडम समृद्धि शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि हम रोज़मर्रा के कचरे को सुंदर और कार्यात्मक सजावट के टुकड़ों में बदल सकते हैं इन कक्षाओं में जहां एक तरफ विद्यार्थी शिल्पकार मिट्टी से मानवीय आकृतियां बनाने की कला को सीख रहे हैं वहां दूसरी तरफ लिप्पन आर्ट फॉर्म का प्रयोग करते हुए जूट कोस्टर, आकर्षक वॉल हैंगिंग एवं सुंदर मोमबत्तियां भी बनाना सीख रहे हैं। विद्यार्थियों की रचनात्मकता से बने विभिन्न कलारूप पूरे माहौल को ही रचनात्मकता से भर रहे हैं। आने वाले दिनों में भी विद्यार्थी अपनी इस कला को और ज्यादा निखारने का प्रयास करेंगे। स्किल इन्हैंसमैंट कक्षाओं के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए डॉ ढींगरा ने मैडम रजनी गुप्ता एवं डॉ सीमा शर्मा के प्रयासों की भी भरपूर सराहना की। प्रिंसीपल डॉ. नीरजा ढींगरा ने आज के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में व्यावसायिकता और व्यक्तिगत सौंदर्य के दोहरे महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम का उद्देश्य न केवल बाहरी सुंदरता को बढ़ाना है, बल्कि आंतरिक स्वास्थ्य की गहरी समझ भी पैदा करना है। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में फैशन इंडस्ट्री का परिप्रेक्ष्य बहुत विस्तृत हो चुका है, एनहैंसमेंट कक्षाएं लगाने का उद्देश्य ही यही है कि विद्यार्थी अपने अंदर छिपी प्रतिभा को पहचाने और उसे निखारने के लिए अभी से दृढ़ संकल्प होकर सही दिशा में निर्णय ले सके।
