भारत टेलीकॉम 2025 में भारत ने वैश्विक दूरसंचार महत्वाकांक्षाओं को प्रदर्शित किया हम केवल गांवों को ही नहीं जोड़ रहे हैं, हम भविष्य को भी जोड़ रहे हैं, हम जो भी टावर लगाते हैं, जो भी बाइट भेजते हैं, वह 1.4 बिलियन लोगों को अवसर प्रदान करता है- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साहसिक दृष्टिकोण और अटूट संकल्प ने भारत को एक डिजिटल अनुयायी से एक वैश्विक डिजिटल प्रमुख के रूप में बदल दिया है- आकांक्षाओं को बुनियादी ढांचे में और नीति को प्रगति में परिवर्तित किया है- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भारत न केवल एक बाजार या उपभोक्ता के रूप में नहीं बल्कि विश्व स्तरीय दूरसंचार समाधानों के निर्माता, साझेदार और विश्वसनीय प्रदाता के रूप में तैयार है; ऐतिहासिक रूप से अब परिदृश्य भारत के लिए निर्मित से भारत द्वारा निर्मित में परिवर्तित हो चुका है- डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर 35 से अधिक देशों के 130 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया 80 से अधिक अग्रणी भारतीय दूरसंचार और आईसीटी कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में नवीन उत्पादों और समाधानों का प्रदर्शन किया
दिल्ली/जालंधर (ब्यूरो) :- केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली में भारत टेलीकॉम 2025 का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत टेलीकॉम महज़ एक सम्मेलन नहीं है- यह नवाचार, सहयोग और समावेशी विकास के माध्यम से वैश्विक संपर्क के भविष्य को आकार देने की भारत की दृढ़ इच्छा शक्ति की घोषणा है। उन्होंने कहा कि जब विचार, नवाचार और इच्छा शक्ति एक साथ मिलकर सामंजस्य बिठाते हैं, तो वे कोलाहल नहीं, बल्कि एक मधुर तालमेल बनाते हैं और भारत टेलीकॉम वैश्विक सहयोग और अवसर का वह मजबूत आधार है। दूरसंचार उपकरण एवं सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (टीईपीसी) द्वारा दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से आयोजित भारत टेलीकॉम 2025 भारत के दूरसंचार विनिर्माण, सेवाओं और निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र बनने के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उद्योग जगत प्रमुख, विदेशी प्रतिनिधि और दूरसंचार मूल्य श्रृंखला के नवोन्मेषक भी उपस्थित थे। भारत टेलीकॉम 2025 के इस दो दिवसीय कार्यक्रम में हितधारकों के लिए एक संवादात्मक मंच प्रदान करने के साथ-साथ एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की गई है। अपने उद्घाटन संबोधन में केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने प्रगतिशील सुधारों और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों द्वारा समर्थित दूरसंचार निर्यातक और नवाचार के केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम केवल गांवों को ही नहीं जोड़ रहे हैं अपितु हम भविष्य को भी जोड़ रहे हैं। हम जो भी टावर लगाते हैं, जो भी बाइट भेजते हैं, वह 1.4 बिलियन लोगों को अवसर के करीब लाता है। .




उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साहसिक दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प है जिसने भारत को एक डिजिटल अनुयायी से वैश्विक डिजिटल प्रमुख के रूप में परिवर्तित कर दिया है, आकांक्षाओं को बुनियादी ढांचे में और नीति को प्रगति में बदल दिया है। ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि केवल 22 महीनों में, हमने अपने 99 प्रतिशत गांवों को 5जी से जोड़ दिया और अपनी 82 प्रतिशत आबादी को नेटवर्क पर ला दिया है। 470,000 टावर लगाए हैं और यह विकास नहीं बल्कि एक दूरसंचार क्रांति है। उन्होंने बताया कि हमने पूरे भारत में जो डिजिटल हाईवे बनाया है, वह केवल संचार के संदर्भ में नहीं है- यह एक ऐसा मजबूत बुनियादी ढांचा है जो 1.4 बिलियन नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, शासन और आर्थिक अवसर तक पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाता है। ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने वैश्विक डिजिटल महाशक्ति के रूप में भारत के असाधारण उदय पर बल देते हुए इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया। उन्होंने बताया कि भारत ने न केवल 4जी और 5जी जैसे क्षेत्रों में दुनिया के साथ कदमताल की है, बल्कि अब वह इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिसमें व्यापक सुधार और तकनीकी नवाचार देश की प्रगति को आकार दे रहे हैं। सिंधिया ने एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में भारत के दूरसंचार क्षेत्र की भूमिका को रेखांकित करते हुए 1990 के दशक में महंगे, सीमित मोबाइल एक्सेस से लेकर अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार और सबसे सस्ता डेटा प्रदाता बनने तक के देश के विकास की जानकारी भी दी। इस सत्र में अपने संबोधन में संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहा कि किसी राष्ट्र की यात्रा में ऐसे क्षण आते हैं, जब वह न केवल वैश्विक वार्तालापों में भाग लेता है, बल्कि उनका मार्ग भी निर्धारित करता है। आज भारत न केवल एक बाजार या उपभोक्ता के रूप में, बल्कि विश्वस्तरीय दूरसंचार समाधानों के निर्माता, साझेदार और विश्वसनीय प्रदाता के रूप में भी तैयार है। राष्ट्र का परिदृश्य ऐतिहासिक रूप से भारत के लिए निर्मित से भारत द्वारा निर्मित में बदल चुका है। डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहा कि भारत वैश्विक दूरसंचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है, जो उपभोक्ता से प्रौद्योगिकी के निर्माता के रूप में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रगति एक दशक पहले शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल से प्रेरित थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आगे की सोच वाली सरकारी नीतियों द्वारा समर्थित थी। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, प्रगतिशील स्पेक्ट्रम प्रबंधन और दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष जैसी पहलों का उद्धरण देते हुए उन्होंने घरेलू विनिर्माण, निर्यात और नवाचार में भारत की उल्लेखनीय वृद्धि की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें दुनिया के 15 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन करना शामिल है। उन्होंने डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करने के लिए 6जी नेतृत्व, सैटेलाइट ब्रॉडबैंड विस्तार और क्वांटम संचार नेटवर्क पर देश के भविष्य के ध्यान को केंद्रित करने पर जोर दिया। टीईपीसी के अध्यक्ष अर्नोब रॉय ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारत टेलीकॉम भारत के स्वदेशी दूरसंचार इकोसिस्टम की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करता है, जो वैश्विक दूरसंचार उद्योग में हमारी अद्वितीय वृद्धि और नवाचार को दर्शाता है। उन्होंने भारत सरकार की रणनीतिक नीतियों को स्वीकार किया, जिन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में नवाचार और विनिर्माण को बढ़ावा दिया है और प्रतिनिधियों को भारत टेलीकॉम प्रदर्शनी 2025 में नवाचारों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया। भारत टेलीकॉम 2025 की संकल्पना भारत की स्थिति को एक विश्वसनीय और भरोसेमंद दूरसंचार उत्पाद विनिर्माण और निर्यात गंतव्य के रूप में मजबूत करने के लिए की गई है, जिसमें दूरसंचार उपकरण, आईसीटी सेवाओं और अगली पीढ़ी की डिजिटल प्रौद्योगिकियों में देश की बढ़ती क्षमताओं को उजागर किया गया है। 80 से अधिक अग्रणी भारतीय दूरसंचार और आईसीटी कंपनियों ने कई क्षेत्रों में अभिनव उत्पादों और समाधानों का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में 35 से अधिक देशों के 130 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी की, जिसमें सरकारी निकायों, निजी उद्यमों आदि का प्रतिनिधित्व किया गया। इसमें विषयगत प्रदर्शनियां, सम्मेलन सत्र, उच्च प्रभाव वाली बी2बी बैठकें, रणनीतिक नेटवर्किंग सत्र और ज्ञान-साझाकरण मंच भी शामिल थे, जो 5जी, ऑप्टिकल फाइबर, ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, आईओटी, एआई-संचालित नेटवर्क आदि जैसी अत्याधुनिक संचार प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित थे। टीईपीसी के बारे में: भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत 2009 में स्थापित, दूरसंचार उपकरण और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (टीईपीसी) दूरसंचार उपकरणों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण दूरसंचार इकोसिस्टम तक विस्तारित है, जिसमें आईसीटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, बुनियादी ढांचा उत्पाद, सिस्टम एकीकरण, परामर्श और सेवा प्रावधान शामिल हैं। टीईपीसी उपकरण निर्माताओं, सिस्टम इंटीग्रेटर्स, सेवा प्रदाताओं और दूरसंचार क्षेत्र में काम करने वाली अन्य संस्थाओं जैसे विविध हितधारकों के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है।