एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में डॉ कृष्ण स्वामी कस्तूरीरंगन जी को दी गई श्रद्धांजलि

जालंधर (अरोड़ा) :- एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर में भारत सरकार द्वारा पदम विभूषण सम्मान से सम्मानित इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रख्यात वैज्ञानिक एवं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के वास्तुकार डॉ कृष्ण स्वामी कस्तूरीरंगन जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने एपीजे एजुकेशन, एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष तथा एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर सुषमा पॉल बर्लिया का संदेश पढ़ते हुए कहा कि डॉ कस्तूरीरंगन जी के विज्ञान एवं शिक्षा के क्षेत्र के अद्भुत योगदान के कारण ही भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित किया।

डॉ॰ कस्तूरीरंगन ने इसरो एवं अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में भारत सरकार के सचिव के रूप में 9 साल तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का निर्देशन किया। उनके नेतृत्व में भारत के प्रतिष्ठित प्रक्षेपण वाहन – ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान(PSLV) और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान(GSLV) का सफल प्रक्षेपण एवं संचालन हुआ। उनके नेतृत्व में भारत ने चन्द्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण किया, जिसे मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है। बर्लिया ने कहा कि मुझे आज भी डॉ कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन के वो शब्द याद आते हैं जब उन्होंने एपीजे एजुकेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी के 101वीं जयंती पर कहा था कि वे भारत के प्रतिष्ठित पुत्रों में से एक थे, जिन्होंने देश के लिए सबसे अच्छे मूल्य प्रणाली और नैतिकता को शिक्षा का आधार बनाया। डॉ ढींगरा ने कहा कि डॉ कस्तूरीरंगन ने श्रीमती बर्लिया के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि “बर्लिया स्वयं एक निपुण और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं, जिनके सृजनात्मक विचार और कार्य समाज के सभी वर्गों पर बड़ा प्रभाव डाल रहे हैं”। मैडम बर्लिया ने कहा कि यह शोक सभा डॉ. कस्तूरीरंगन जी और हमारे साथ उनके घनिष्ठ संबंध के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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