जालंधर (मोहित अरोड़ा) :- कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) के स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग की अंतिम वर्ष की छात्राएँ — नंदिता ठाकुर, हरमीत कौर, प्रिया और सिमरनजीत कौर — को दिल्ली विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी साइंस इंस्ट्रूमेंटेशन सेंटर में दो दिवसीय हैंड्स-ऑन इंस्ट्रूमेंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। यह ज्ञानवर्धक कार्यशाला छात्रों के लिए उन्नत उपकरण तकनीकों और उनके वैज्ञानिक अनुसंधान में उपयोग की जानकारी प्राप्त करने का सुनहरा अवसर साबित हुई। कार्यक्रम के पहले दिन, छात्रों को विभिन्न विश्लेषणात्मक उपकरणों और तकनीकों से विस्तृत ट्यूटोरियल के माध्यम से परिचित कराया गया। सत्र की शुरुआत थर्मोग्राविमेट्रिक एनालिसिस और डिफरेंशियल स्कैनिंग कैलोरीमेट्री की गहन व्याख्या से हुई, जिसमें सामग्री के थर्मल गुणों के अध्ययन पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके बाद स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप () पर एक सत्र आयोजित हुआ, जिसमें छात्रों ने इसके घटकों, कार्य सिद्धांतों और सैंपल की तैयारी की विधियों के बारे में सीखा। तत्पश्चात एक्स-रे डिफ्रैक्शन () तकनीक का परिचय दिया गया, जो सामग्री की संरचना की पहचान में सहायक होती है। दोपहर के भोजन के बाद, छात्रों को सरफेस एरिया एनालाइज़र से परिचित कराया गया, जो ठोस पदार्थों में सतह क्षेत्र और पोर्साइज निर्धारित करने के लिए प्रयुक्त होती है। इसके अलावा, सिंगल क्रिस्टल की भी जानकारी दी गई, जो सामग्री की त्रि-आयामी आणविक संरचना विश्लेषण में सहायक है। कार्यक्रम के दूसरे दिन छात्रों ने विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सैंपल तैयार करके स्पेक्ट्रोमीटर, और सरफेस एरिया एनालाइज़र के प्रयोग किए और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। इसके साथ ही इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा मास स्पेक्ट्रोमेट्री ) पर एक ज्ञानवर्धक सत्र हुआ, जिसमें उच्च ऊर्जा प्लाज्मा के माध्यम से सैंपल्स को आयनित कर तत्वों की पहचान करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया।

इसके अतिरिक्त, डाइलेक्ट्रिक स्पेक्ट्रोस्कोपी पर एक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें सामग्री के विद्युत गुणों के अध्ययन की जानकारी दी गई। ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप () पर भी एक रोचक सत्र हुआ, जिसमें इसके कार्य सिद्धांत, सैंपल की तैयारी और इमेज एनालिसिस पर प्रकाश डाला गया। छात्रों को आणविक संरचना विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उन्नत तकनीक न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस () उपकरणों का भी अवलोकन करने का अवसर मिला, जिससे इस तकनीक की सटीकता और वैज्ञानिक अनुसंधान में इसकी प्रासंगिकता समझ में आई। इसके अलावा, छात्रों ने वाइब्रेटिंग सैंपल मैग्नेटोमेट्री () के माध्यम से सामग्री के चुंबकीय गुणों का अध्ययन किया, ठोस पदार्थों के लिए फोटोल्यूमिनेसेंस () तकनीकों तथा द्रवों के लिए अप/डाउन कन्वर्ज़न तकनीकों से भी परिचित हुए। कार्यक्रम का समापन के निदेशक डॉ. एस. मुरुगवेल के साथ समूह चित्र के साथ हुआ, जिसने इस प्रेरणादायक और ज्ञानपूर्ण यात्रा की स्मृति को चिरस्थायी बना दिया। प्राचार्या प्रो. डॉ. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने कहा कि में यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम केएमवी के अकादमिक और अनुसंधान में उत्कृष्टता की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सदैव अपने विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक यात्रा में मील के पत्थर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।