जालंधर (अरोड़ा) :- हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर में 28 फरवरी से 12 मार्च 2025 तक राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 बड़े उत्साह से मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी – ‘विकसित भारत हेतु विज्ञान एवं नवाचार में भारतीय युवाओं को वैश्विक नेतृत्व के लिए सशक्त बनाना।’ कार्यक्रम का आयोजन सी.वी. रमन साइंस सोसाइटी द्वारा DBT Star College Scheme के अंतर्गत किया गया, जिसमें सहयोग रहा पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (PSCST), चंडीगढ़ का और समर्थन रहा NCSTC, DST, भारत सरकार का। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. (डॉ.) अजय सरीन के कुशल नेतृत्व एवं वैज्ञानिक नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए धन्यवाद प्रकट किया गया। 28 फरवरी को उद्घाटन सत्र का शुभारंभ डॉ. अंजना भाटिया, डीन – नवाचार एवं अनुसंधान, द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। प्राचार्या डॉ. सरीन ने छात्राओं को नवाचार एवं वैज्ञानिक सोच से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्य वक्ता प्रो. जी.एस. रणधावा (सेवानिवृत्त, IIT रूड़की) ने अपने संबोधन में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से जुड़ी स्मृतियाँ साझा कीं और युवाओं को अनुसंधान हेतु प्रेरित किया। लिपिका कोचर (खेती विरासत मिशन) ने विद्यार्थियों को प्राकृतिक खेती एवं वैदिक स्वास्थ्य जीवनशैली के महत्व से अवगत कराया।
प्रमुख गतिविधियाँ: बुक रिव्यू प्रतियोगिता – Noble Stories – Luminaries of Indian Space पर आधारित, जिसमें डॉ. विक्रम साराभाई जैसे वैज्ञानिकों की प्रेरक गाथाएं छात्राओं ने प्रस्तुत कीं। BARC मुंबई व TIFR की वर्चुअल सैर – छात्रों ने नाभिकीय विज्ञान, खगोल भौतिकी व क्वांटम अनुसंधान के क्षेत्र को जाना। विज्ञान प्रदर्शनी एवं मॉडल प्रदर्शन – विभिन्न विभागों ने अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियों से छात्रों की नवाचार क्षमता को प्रदर्शित किया। बॉटनी विभाग द्वारा ‘रंग दे प्रकृति’ फ्लावर शो – जिसमें औषधीय, सजावटी एवं गुरबाणी से संबंधित पौधों की झलक दिखाई गई। प्राकृतिक रंग निर्माण कार्यशाला – हल्दी, पालक, चुकंदर, गुड़हल और लाल पत्ता गोभी से हर्बल रंग बनाना सिखाया गया। विज्ञान प्रयोगशालाओं में हैंड्स-ऑन प्रयोग – भौतिकी, रसायन, वनस्पति, प्राणी विज्ञान व जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं में प्रयोगात्मक शिक्षण।
प्रमुख उपलब्धियाँ: इस विज्ञान पखवाड़े ने छात्राओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रचनात्मक सोच, पर्यावरणीय चेतना और विकसित भारत की दिशा में नवाचार आधारित देशभक्ति को प्रबल किया।
