जालंधर (अरोड़ा) :- एक आत्मिक उत्थान से भरे शाम में, आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन और सीटी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस के सहयोग से सरदारनी मंजीत कौर ऑडिटोरियम में “राम लला की माता” नामक एक प्रभावशाली संगीतमय नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक ने रामायण के एक अनकहे पहलू को उजागर किया, जिसमें रानी कैकेयी और मंथरा जैसे पात्रों को एक नए और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया। कथा के अनुसार, कैकेयी ने भगवान राम को वनवास भेजने का निर्णय स्वार्थवश नहीं, बल्कि एक दिव्य उद्देश्य और धर्म की रक्षा के लिए किया था। गुरुदेव रविशंकर जी के दृष्टिकोण से प्रेरित इस नाटक ने दर्शकों को पारंपरिक कथाओं से परे जाकर प्राचीन ज्ञान के गूढ़ अर्थों पर विचार करने का अवसर दिया।






मर्मस्पर्शी संगीत, भावपूर्ण नृत्य और प्रभावशाली संवादों के माध्यम से इस नाटक ने कैकेयी को एक खलनायक नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी माता के रूप में चित्रित किया, जिन्होंने ब्रह्मांडीय व्यवस्था को बनाए रखा। बैंगलोर स्थित आर्ट ऑफ़ लिविंग आश्रम के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत इस नाटक ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया और आध्यात्मिक उत्थान का अनुभव कराया। इस अवसर पर सीटी ग्रुप के चेयरमैन सरदार चरणजीत सिंह चन्नी, को-चेयरपर्सन एवं डीन स्टूडेंट वेलफेयर सरदारनी परमिंदर कौर और डॉ. अर्जन सिंह उपस्थित रहे। उनके निरंतर प्रोत्साहन ने सीटी ग्रुप को मूल्य-आधारित शिक्षा और संस्कृति का केंद्र बना दिया है। चेयरमैन सरदार चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने संबोधन में कहा, “यह केवल एक नाटक नहीं, बल्कि एक संदेश था। यह हमें याद दिलाता है कि इतिहास में वह गहराई होती है, जिसे हम अक्सर भूल जाते हैं या गलत समझ लेते हैं। सीटी ग्रुप को इस बात का गर्व है कि उसने एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहाँ शिक्षा, संस्कृति और आध्यात्मिकता का समागम होता है और युवा मन को प्रेरित करता है।”