जालंधर (अरोड़ा) :- यायावर साहित्य महोत्सव का आठवां संस्करण के.एल. यह सहगल मेमोरियल हॉल में बड़े उत्साह और उमंग के साथ आयोजित किया गया, जिसमें साहित्य और कला प्रेमियों के लिए साहित्यिक विचारों और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों और चर्चाओं के लिए एक अद्भुत मंच प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जालंधर के महापौर विनीत धीर ने की, जिन्होंने दर्शकों को संबोधित किया और उन्हें कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दीं। इससे पहले, यायावर का लोगो पंजाब सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सलाहकार दीपक बाली, संगत राम और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा जारी किया गया। साहित्य महोत्सव का उद्घाटन आध्यात्मिक तरीके से गरिमा सिंह ने गायत्री और सरस्वती मंत्रों के साथ किया, जिसके बाद महोत्सव की संस्थापक और निदेशक नुपुर संधू ने गर्मजोशी से स्वागत किया। भव्या जैन और विभूति जैन के कथक प्रदर्शन से सभी मंत्रमुग्ध हो गए। महोत्सव के मुख्य वक्ता कृतिका खन्ना, ब्रिगेडियर राजीव महाना (सेवानिवृत्त), विनीत के.के.एन. ‘पंछी’ और विनीत के. बंसल थे, जिन्होंने अपनी प्रेरक प्रस्तुतियों से दर्शकों को प्रेरित किया।



जासूसी थ्रिलर कर्नल आर.एम.एस. पर पैनल चर्चा संधू, “हिट मैन” लकी सिंह बिष्ट, डॉ. जस कोहली, संजीव बंसल, वंदना सिंगला और मंजीत ग्रेवाल ने इस मुद्दे पर चर्चा की। अन्य सत्रों में अनीता कृष्णन द्वारा प्रस्तुत सुपर-नेचुरल्स पर चर्चा की गई, जिसका संचालन जय अलानी और कल्पना सिंगला ने किया। लेफ्टिनेंट जनरल जे.एस. चीमा और खेल लेखक नवदीप सिंह गिल ने सेना और खेलों में पंजाब की वीरतापूर्ण कहानियों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पंजाब में कई असली हीरे हैं जो भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी हैं। विक्रम सिंह, चेतन बत्रा ने शेफाली अरोड़ा द्वारा आयोजित अपराध कथा पर परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त किए। ‘पंजाब के गौरव’ गगन बेदी ने भी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्रोताओं को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में एस.सी. सूद, सुरेन्द्र सेठ, सीमा आनंद चोपड़ा, कादम्बरी मित्तल, बुकवर्म क्लब की अंजलि दादा और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शेफाली अरोड़ा ने किया तथा इसका संचालन डॉ. रमनदीप ओबेरॉय ने किया। इस कार्यक्रम में शहर भर के कई रीडिंग क्लबों ने भाग लिया, जिनमें राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जालंधर, लायलपुर खालसा कॉलेज और कैंट बोर्ड स्कूल, दोआबा कॉलेज, कन्या महाविद्यालय, हंस राज महिला महाविद्यालय और सरकारी स्पोर्टस कॉलेज जैसे कई शैक्षणिक संस्थान शामिल थे। महोत्सव की संस्थापक नुपुर संधू ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए लेखकों, संचालकों, अतिथियों, मीडिया भागीदारों, प्रायोजकों और दर्शकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने रमन जिंदल, ऋषि गर्ग, सुनील जैन, तुष्टी भाटिया को उनके सहयोग के लिए विशेष धन्यवाद दिया।