जालंधर (अरोड़ा) :- वृक्षारोपण सिर्फ कुछ ऐसा नहीं है जो किया जाना चाहिए; यह एक आवश्यकता है, समय की तत्काल मांग है। वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधे महत्वपूर्ण हैं। पौधों के लाभों को ध्यान में रखते हुए, इको-क्लब और डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर के वनस्पति विज्ञान विभाग एवं बीएससी (मेडिकल) के छात्रों द्वारा डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर के वनस्पति उद्यान में पौधारोपण अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को एमओईएफसीसी, भारत सरकार के पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम के तहत पीएससीएसटी, चंडीगढ़ और सीडीसी जीएनडीयू, अमृतसर द्वारा वित्तीय रूप से समर्थित किया गया था। अभियान के पीछे मुख्य उद्देश्य पौधों की जानकारी और महत्व प्रदान करना था। वनस्पति विज्ञान विभाग के सभी संकाय सदस्यों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और बीएससी (मेडिकल) के छात्रों ने इस अभियान में भाग लिया और नेरियम, साइट्रस और कैरिसा प्रजातियों के पौधे लगाए।



इसके अलावा, वनस्पति उद्यान में एक वर्मीकंपोस्टिंग इकाई भी स्थापित की गई है, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जो कार्बनिक पदार्थों को मूल्यवान मिट्टी संशोधन और पौधों के पोषक तत्वों के स्रोत में बदलने में मदद करने के लिए केंचुओं पर निर्भर करती है। यह तकनीक अपने कई लाभों के कारण लोकप्रिय हो रही है। गड्ढे को मिट्टी और रेत (2-3”) के बिस्तर का उपयोग करके तैयार किया गया था, जिसके बाद जैविक पदार्थों यानी घास और गोबर की वैकल्पिक परतें लगाई गई थीं। वर्मीकल्चर की शुरुआत से पहले संस्कृति को दो बार पलट दिया गया था। डॉ. कोमल अरोड़ा (इको क्लब समन्वयक और विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान) ने पर्यावरण संरक्षण व्यवस्था में संकाय और छात्रों के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार को धन्यवाद दिया। वनस्पति विज्ञान विभाग के शिक्षण संकाय सदस्य – डॉ. लवलीन, डॉ. सपना शर्मा और डॉ. शिवानी वर्मा और गैर-शिक्षण कर्मचारी श्री सुशील कुमार भी अभियान में उपस्थित थे।