जालंधर (अरोड़ा) :- डी.ए.वी. कॉलेज जालंधर के प्राणी विज्ञान विभाग द्वारा भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा प्रायोजित ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर पर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयका आयोजन किया गया।। कार्यशाला का उद्देश्य जैविक अनुसंधान में एक मॉडल जीव के रूप में ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर के उपयोग पर छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने किया, जिन्होंने विभिन्न संस्थानों से आए छात्रों का स्वागत किया। कार्यशाला में कुल 30 छात्रों ने भाग लिया, जिसका संचालन डॉ. पुनीत पुरी ने किया, जो एक प्रमाणित ड्रोसोफिला प्रयोग प्रशिक्षक हैं, जिन्होंने हाल ही में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रशिक्षण लिया है।


कार्यशाला में विभिन्न तकनीकों पर व्यावहारिक सत्र शामिल थे, जैसे:
- नर और मादा ड्रोसोफिला की पहचान
- ड्रोसोफिला की आंख का नेल पॉलिश प्रिंट:
- मालपीघियन नलिकाओं और अंडाशय का माइक्रोडिसेक्शन।
- मक्खी से डीएनए का निष्कर्षण और उसका पीसीआर:
- कार्यशाला में अन्य संस्थानों के शिक्षकों ने भाग लिया, जिन्होंने कार्यशाला के आयोजन और तकनीकी विशेषज्ञता की सराहना की। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने कार्यशाला के आयोजन के लिए जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं डीबीटी योजना के समग्र समन्वयक डॉ. पुनीत पुरी को अपनी शुभकामनाएं दी।छात्रों की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी थी, छात्रों ने व्यावहारिक सत्रों के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया और भविष्य में इस तरह की और कार्यशालाओं का अनुरोध किया। कार्यशाला की सफलता का श्रेय डीबीटी द्वारा प्रदान की गई फंडिंग को दिया गया, जिसने कॉलेज को स्क्रीन, एमआईपीएस और प्रोजेक्टर सहित उन्नत उपकरणों का उपयोग करके एक उच्च-स्तरीय, उच्च-तकनीकी कार्यशाला आयोजित करने में सक्षम बनाया।डार्विन जूलॉजिकल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. ऋषि कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।