जालंधर(अरोड़ा):-डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (डीएवीआईईटी) की एनएसएस इकाई ने आज परिसर में सप्ताहभर चलने वाले विशेष एनएसएस शिविर का उद्घाटन किया। इस शिविर को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया बेहद उत्साहजनक रही, और लेखन के समय तक 50 से अधिक स्वयंसेवक इसमें भाग लेने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। इस शिविर का उद्देश्य छात्रों में नेतृत्व, टीम वर्क और सामाजिक जिम्मेदारी के मूल्यों को विकसित करना है। अपने उद्घाटन भाषण के दौरान, एसोसिएट प्रोफेसर और एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने शिविर के महत्व पर जोर दिया।उन्होंने कौशल वृद्धि, सामुदायिक जुड़ाव और व्यक्तिगत विकास सहित इसके अपेक्षित परिणामों पर प्रकाश डाला।उन्होंने छात्रों के बीच सामाजिक जिम्मेदारी और नागरिक जुड़ाव की भावना को बढ़ावा देने में ऐसी पहलों के महत्व को भी रेखांकित किया।डॉ. अशोक कुमार ने सत्र 2024-25 के दौरान एन एस एस इकाई द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों और शिविरों का अवलोकन भी प्रदान किया।इनमें तीन रक्तदान शिविर, एक एन एस एस जागरूकता शिविर, एक नशामुक्ति कार्यक्रम, पर्यावरण जागरूकता पहल जैसे “पेड़ लगाओ: पृथ्वी बचाओ” अभियान आदि शामिल हैं।




डीएवी आईईटी के कार्यवाहक प्राचार्य, डॉ. जगजीत मल्होत्रा ने स्वागत भाषण दिया और एन एस एस स्वयंसेवकों के उत्साह तथा सामाजिक कल्याण के प्रति आयोजकों की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने छात्रों को आवश्यक जीवन कौशल विकसित करते हुए समाज में योगदान देने के इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, उन्होंने छात्रों के बीच सेवा और जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने में ऐसी पहलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।डॉ. मल्होत्रा ने समग्र विकास के महत्व को रेखांकित किया और प्रतिभागियों से नियोजित गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने सामुदायिक सेवा और सतत विकास के प्रति समर्पण के लिए एनएसएस इकाई की सराहना की तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. अशोक कुमार के प्रयासों की भी प्रशंसा की। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक परिवर्तन में युवाओं की भागीदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिससे सहानुभूति, अनुशासन और टीम वर्क जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों को मजबूती मिले। मुख्य अतिथि, डॉ. चंद्र प्रकाश, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी, आईकेजीपीटीयू मुख्य परिसर, कपूरथला, ने डीएवी आईईटी की एन एस एस इकाई के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जिम्मेदार नागरिकों के निर्माण में एनएसएस गतिविधियों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया और छात्रों को सामुदायिक सेवा पहलों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। डॉ. प्रकाश ने छात्रों में अनुशासन, नेतृत्व और टीम वर्क की भावना विकसित करने में एनएसएस की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने स्वयंसेवकों को सामुदायिक मुद्दों के समाधान, नवाचार को बढ़ावा देने और प्रभावी समस्या-समाधान के लिए सामाजिक परियोजनाओं की शुरुआत करने हेतु प्रोत्साहित किया। मुख्य भाषण मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. गौरव कुमार धुरिया ने ‘दिमाग को सशक्त बनाना, भविष्य को आकार देना: नए भारत के लिए नेतृत्व और जीवन कौशल’ विषय पर दिया। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में नेतृत्व और जीवन कौशल की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की तथा छात्रों को लचीलापन, अनुकूल नशीलता और सक्रिय मानसिकता विकसित करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. धुरिया ने तेजी से बदलती दुनिया में निरंतर सीखने और आत्म-सुधार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि नैतिक निर्णय लेने के साथ नेतृत्व के गुण राष्ट्रीय प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। साथ ही, उन्होंने छात्रों को चुनौतियों को विकास और नवाचार के अवसर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उद्घाटन समारोह शानदार तरीके से संपन्न हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने आगामी गतिविधियों के प्रति उत्साह व्यक्त किया। एन एस एस विशेष शिविर एक परिवर्तनकारी अनुभव बनने का वादा करता है, जो छात्रों को अमूल्य कौशल से सशक्त बनाते हुए उन्हें सार्थक सामाजिक योगदान के लिए प्रेरित करेगा।