रंग दे प्रकृति – एचएमवी में प्रकृति का रंगारंग उत्सव

जालंधर (अरोड़ा) :- प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में इको क्लब और डी.डी. पंत बॉटनिकल सोसाइटी के तत्वावधान में पी.जी. बॉटनी विभाग द्वारा हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर में विज्ञान लॉन में एक भव्य प्लांट डायवर्सिटी फेस्ट का आयोजन किया गया। यह आयोजन पीएससीएसटी, कॉलेज डिवेलपमेंट काउंसिल, जीएनडीयू और भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तत्वावधान में सपन्न हुआ। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और होली के उपलक्ष्य में आयोजित इस उत्सव का उद्देश्य सतत विकास, जैव विविधता और पौधों की सौंदर्यात्मक महत्ता को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर मुख्यातिथि डॉ. नीलिमा जेरथ ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और छात्रों को पर्यावरण संरक्षण व जैव विविधता के महत्व पर जागरूक किया। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण पॉटेड प्लांट वैरायटी शो था, जिसमें फॉलिएज प्लांट्स, फ्लॉवरिंग प्लांट्स, सक्युलेंट्स और कैक्टस, औषधीय एवं सुगंधित पौधे और क्रिएटिव इको-अरेंजमेंट्स जैसी विभिन्न श्रेणियों का प्रदर्शन किया गया। एक अन्य अनूठी प्रतियोगिता फ्फ्रूट और वेजिटेबल बास्केट अरेंजमेंट थी, जिसमें प्रतिभागियों ने रचनात्मक और पर्यावरण-अनुकूल डिजाइनों के माध्यम से पौधों की विविधता को दर्शाया। हरे-भरे पौधों को सुंदर और कलात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया। अध्यापकों और छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। प्लांट पार्ट्स का उपयोग कर इको-अरेंजमेंट्स सेगमेंट में, प्रतिभागियों ने पौधों के रेशे, गोंद, लकड़ी और अन्य प्राकृतिक सामग्री का उपयोग कर अभिनव सजावट तैयार की। प्रतियोगिता का मूल्यांकन पौधों के स्वास्थ्य और सौंदर्य, अनूठेपन, थीम प्रस्तुति और स्थिरता के आधार पर किया गया और सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान कर उनकी पर्यावरणीय जागरूकता और पौधों के संरक्षण के प्रति समर्पण को सराहा गया। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने बॉटनी विभाग की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की रचनात्मक पहल से विद्यार्थियों में प्रकृति और सतत विकास के प्रति प्रेम विकसित होता है। विभागाध्यक्ष डॉ. अंजना भाटिया ने बताया कि यह आयोजन विद्यार्थियों को पौधों की विविधता को सराहने और पर्यावरण-अनुकूल आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करता है। डॉ. रमनदीप, इंचार्ज डी.डी. पंत बॉटनिकल सोसाइटी, डॉ. श्वेता, हरप्रीत और डॉ. शुचि ने प्रकृति और पौधों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस आयोजन में कला का भी समावेश किया गया, जहां कॉस्मेटोलॉजी विभाग की ओर से मुक्ति के निर्देशन में फ्लोरल टैटू बनाए गए। फिजिक्स विभाग से डॉ. सलोनी शर्मा के मार्गदर्शन में इको-फिजिक्स मॉडल्स प्रदर्शित किए गए। डिज़ाइन, फैशन डिज़ाइन और फाइन आर्ट्स विभाग द्वारा डॉ. नीरू भारती, डॉ. राखी, नवनीता और जसकोमल के नेतृत्व में इको-आर्ट कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके अलावा होम साइंस विभाग ने भोजन के स्टॉल लगाए, जबकि केवीएम की लिपिका ने हर्बल रंगों का स्टॉल लगाकर होली को अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनाया। इस आयोजन में निर्णायक डॉ. मीना सेठी, कपूरथला रहीं, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. सीमा मारवाहा, डीन अकादमिक, दीपशिखा, इंचार्ज साइंस, डॉ. जतिंदर, डॉ. हरप्रीत सिंह, पूर्णिमा, सुमित, राजिंदर और पवन भी उपस्थित रहे।

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