
जालंधर(अरोड़ा):- जिसमें मुंबई से आए राजयोगी डॉ इ.वी स्वामीनाथन भाई जी मुख्य रहे। इस कार्यक्रम का शुभारंभ राजयोगिनी संधीरा दीदी, राजयोगिनी लक्ष्मी दीदी, राजयोगिनी विजय दीदी, डॉ ई वी स्वामीनाथन के साथ मुख्य मेहमान डॉ अशोक मित्तल मेम्बर राज्यसभा एवं चांसलर लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, डॉ कर्नल रश्मि मित्तल परो चांसलर एलपीयू ,डायरेक्टर एचआर सिंगला ,तरविंदर राजू चेयरमैन एवं प्रीतइन्द्र डिप्स ग्रुप, अजय यादव,विकास मित्तल, डॉ दीपाली,डॉ अपर्णा,डॉ विनय एवं डॉ आरएल बस्सन द्वारा ज्योति प्रज्वलित करके किया गया। डॉ स्वामीनाथन ने अपना वक्तव्य शुरू करते कहा कि हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि हम कौन हैं।




हम क्या करने आए हैं ,हमें कहाँ जाना है l उन्होंने कहा हम इस शरीर के साथसाथ एक आत्मा है जो प्रकाश स्वरूप ,अजर ,अमर ,अविनाशी चैतन्य शक्ति है lजो भी अच्छे बुरे कर्म यह जीव करता है सब आत्मा करतीहै lजब आत्मा इस शरीर से निकल जाती है तो यह शरीर निष्क्रिय हो जाता है इसलिए हमें जीवन में श्रेष्ठ करम ही करने हैं जिससे हमारा यें जीवन खुशहाल ,शांतिमय एवं सुखमय तो होगा ही और जहां हमने जाना वहाँ भी ख़ुशीख़ुशी जा सकेंl इसके लिए हमें श्रेष्ठ कर्म करने हैंlखुश रहना है और दूसरों को भी ख़ुशियाँ बाँटनी है सबको सुख देना है किसी को भी दुख नहीं देना है दुआएँ देनी हैं और दुआएँ लेनी हैl पुण्य कमाने हैं।

उन्होंने कहा हमारे जीवन का उद्देश्य बेशक आईएएस डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर उद्योगपत्ति बनने का हो लेकिन इसके साथसाथ एक अच्छा इंसान होना बहुत ज़रूरी है और ये सब राजयोग मैडिटेशन से संभव हैl उन्होंने कहा राजयोग कोई धर्म नहीं है लेकिन राजयोग एक हिन्दु को बेहतर् हिंदू,मुसलमान को बेहतर मुस्लिम क्रिश्चियन को बेहतर क्रिश्चियन सिख को बेहतर सिख बननें मे एवं परिवार समाज देश और विश्व को सुखमय शांतिमय बनाने में सहयोग देता हैl अंत में संधीरा दीदी ने इस अवसर पर आये हुए गणमान्यों और सैंकड़ों भाई बहनों का आभार प्रकट किया और उन्हें किसी भी ब्रह्माकुमारी केन्द्र में निःशुल्क राज़योग सीखने के लिए आमंत्रित कियाल इस अवसर पर पार्षद अश्वनी अग्रवाल ,पार्षद राजीव ढिंगरा ,भरत आनन्द एसई ,प्रोफेसर रामेश्वर कंबोज,सुरिंदर भाई ,मान भाई ,डॉ महेश डोगरा डॉ गार्गी मिगलानीभाई ,सुभाष भाई, सागर भाई रोहित भाई सहित सैंकड़ोंभाई बहन l