जालंधर (अरोड़ा):- डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने डीबीटी स्टार कॉलेज योजना के तत्वावधान में विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया। इस आयोजन के मुख्य वक्ता डॉ. कनिका, प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर, राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईपीबी), नई दिल्ली से थीं। उप-प्राचार्य डॉ. एस.के. तुली ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सराहना करते हुए सभा को संबोधित किया। उन्होंने छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. एस.के. तुली ने डॉ. रेणुका मल्होत्रा (विभागाध्यक्ष ), डॉ. संजय शर्मा (डीबीटी समन्वयक) एवं अन्य संकाय सदस्यों के साथ अतिथि वक्ता को प्लांटर भेंट कर आभार व्यक्त किया। डॉ. कनिका ने “फसल सुधार में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका” पर वक्तव्य दिया। उन्होंने उपज बढ़ाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और पोषण सामग्री को बढ़ाने के साथ-साथ इससे जुड़ी चुनौतियों के माध्यम से फसल उत्पादन में क्रांति लाने में जैव प्रौद्योगिकी की संभावित भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने बीटी कॉटन, गोल्डन राइस, पपीता से संबंधित कुछ केस स्टडीज और लवणता सहनशील पौधे – “खारचिया लोकल” पर अपने नवीनतम चल रहे शोध को भी साझा किया, जो राजस्थान के खारे पारिस्थितिकी तंत्र में विकसित गेहूं की एक किस्म है। उन्होंने जैव सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी के जिम्मेदार और विनियमित उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया और अपने सत्र का समापन किया। व्याख्यान समापन के बाद, उन्होंने श्रोताओं के जिज्ञासाओं और प्रश्नों के उत्तर दिए। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित संकाय सदस्य डॉ. संजय शर्मा (डीबीटी समन्वयक), प्रो. प्रिंसी, प्रो. साक्षी एवं छात्र उपस्थित थे। बहुमूल्य आकर्षक चर्चा और बहुमूल्य कैरियर अंतर्दृष्टि के साथ यह वार्ता एक शानदार सफलता साबित हुई। डॉ. रेणुका मल्होत्रा (बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष) ने कार्यक्रम को शानदार सफलता बनाने के लिए प्राचार्य, मुख्य वक्ता एवं सभी प्रतिभागियों और संकाय सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। डॉ. संजय शर्मा ने चर्चा के मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया और अतिथि वक्ता, संकाय सदस्यों और छात्रों का हार्दिक धन्यवाद कर कार्यक्रम का समापन किया।
